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लोक सेवकों को मिला मुख्यमंत्री उत्कृष्टता व राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पुरस्कार

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जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाए रखने में लोक सेवकों की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत व विकसित राजस्थान के निर्माण के लिए अन्तिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को विकास की योजनाओं से लाभान्वित करना बेहद जरूरी है एवं इस कार्य के सफल क्रियान्वयन की जिम्मेदारी लोक सेवकों की है। उन्होंने कहा कि लोक सेवक को सुशासन के लिए कर्तव्यनिष्ठा, दृढ़ इच्छाशक्ति एवं पूर्ण संवेदनशीलता के साथ काम करना चाहिए।

शर्मा सोमवार को झालाना डूंगरी स्थित हरिशचन्द्र माथुर राज्य लोक प्रशासन संस्थान में लोक सेवा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद व्यक्ति अभाव में जब लोक सेवक के पास आता है, तो पूर्ण जिम्मेदारी से उसकी हरसंभव मदद करनी चाहिए। उन्होंने आमजन को त्वरित राहत पहुंचाने के लिए लोक सेवकों को निरंतर जनसुनवाई करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि हमें टीम भावना के रूप में सार्वजनिक हित और लोक-कल्याण के साझा लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कार्य करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने वर्ष 1947 में आज ही के दिन भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को संबोधित किया था। उन्होंने अपने ऐतिहासिक भाषण में लोक सेवकों को ‘स्टील फ्रेम’ अर्थात् देश की शासन व्यवस्था की रीढ़ कहा था। उन्होंने कहा कि लोक सेवा का अर्थ निस्वार्थ भाव से जनता की भलाई के लिए कार्य करना है। बिना किसी स्वार्थ के, निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करना ही सच्ची लोक सेवा होती है। इसलिए लोक सेवा दिवस मनाने का उद्देश्य लोक सेवकों के योगदान को पहचान कर उन्हें सम्मानित करना है।

शर्मा ने कहा कि लोक प्रशासन में तकनीक और डिजिटल सेवाओं का अधिकतम उपयोग कर भ्रष्टाचार मुक्त और जवाबदेह प्रशासन की दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि समाज के प्रति संवेदनशील रहकर कार्य करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। चाहे हम किसी भी पद पर कार्यरत हों, हमारा लक्ष्य सिर्फ जनसेवा होना चाहिए तथा यह सेवा भाव हमें महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जैसे महान व्यक्तित्वों से सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का भी सम्पूर्ण जीवन लोक सेवार्थ राष्ट्र को समर्पित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लोकहित, त्वरित एवं भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की संकल्पना के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। इस के लिए सेवाओं की सरल, सुगम एवं त्वरित प्रदायगी के लिए नवाचारों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए एक जिला-एक उत्पाद नीति, नई पर्यटन इकाई नीति, एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति, नवीन खनिज नीति जैसी महत्वपूर्ण नीतियां जारी की गई हैं। साथ ही, ग्राम स्तर तक ई-फाइल प्रणाली को लागू कर दिया गया है तथा सभी विभागों में ऑन-लाइन पेपर लेस कार्य हो रहा है।

शर्मा ने कहा कि आमजन के कार्यों के निस्तारण में तेजी आई है। जन अभियोगों का निराकरण सुशासन का एक अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि राजस्थान संपर्क पोर्टल के माध्यम से डेढ़ करोड़ से अधिक शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। गत एक साल में दर्ज लगभग 33 लाख मामलों में से 99 प्रतिशत से अधिक निस्तारित हो चुके हैं तथा दिसंबर माह में मनाये गये सुशासन सप्ताह में भी राजस्थान का स्थान देश के शीर्ष 3 राज्यों में रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा प्रारम्भ किए गए ‘एक पेड़ मां के नाम अभियान’ से प्रेरित होकर प्रदेश में हरियालो राजस्थान अभियान के तहत गत वर्ष 7 करोड़ 22 लाख पौधे लगाये गये तथा इस वर्ष 10 करोड़ पौधे लगाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश को प्रोत्साहित कर रोजगार सृजन के उद्देश्य से राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट आयोजित किया गया। जिसमें निवेशकों द्वारा लगभग 35 लाख करोड़ रुपये के एमओयू किए गए हैं, जिनमें से 3 लाख करोड़ रुपये के एमओयू की ग्राउंड ब्रेकिंग भी की जा चुकी है।

शर्मा ने कहा कि विकसित राजस्थान 2047 हमारा संकल्प है। इसे पूरा करने के लिए प्रदेश के हर क्षेत्र में बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं मजबूत बनाई जा रही हैं। रामजल सेतु और यमुना जल समझौते जैसे प्रोजेक्ट्स से पेयजल व सिंचाई के लिए भरपूर जल मिलेगा। उन्होंने कहा कि आईजीएनपी के लिए 3 हजार 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जल जीवन मिशन के तहत गांव-गांव तक पानी पहुंचाने का हमारा वादा भी पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे, रिंग रोड, ब्रिज निर्माण और गांवों में अटल पथ से व्यापार, पर्यटन एवं कृषि क्षेत्र को नई ऊर्जा मिलेगी। उन्होंने कहा कि इन सभी प्रयासों का एक ही उद्देश्य है, राजस्थान की तस्वीर और तकदीर को बदलना।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस दौरान प्रदेश में सुशासन के तहत किए गए नवाचारों, उत्कृष्ट कार्यों, संपर्क पोर्टल पर लोक शिकायतों के निस्तारण की विभाग/व्यक्तिगत/जिला श्रेणी में विभिन्न अधिकारियों को मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार-2025 एवं राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पुरस्कार प्रदान किए। इससे पूर्व शर्मा ने रिमोट का बटन दबाकर कर्मयोगी कौशल विकास सप्ताह की शुरूआत की। साथ ही, उन्होंने एच.सी.एम. रीपा परिसर में फोटो गैलरी एवं सिविल सेवा अधिकारी संस्थान के मॉडल का भी अवलोकन किया।

इस अवसर पर मुख्य सचिव सुधांश पंत, पुलिस महानिदेशक उत्कल रंजन साहू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) अरिजीत बनर्जी सहित वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे। वहीं सभी जिलों से लोक सेवक वीसी के माध्यम से जुड़े।

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