
इंदौर : कपड़ों की धुलाई का काम करने वाले कमलेश वर्मा पिछले 3 वर्षों से गंभीर किडनी रोग से पीड़ित थे और डायलिसिस करवा रहे थे, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था. डॉक्टरों द्वारा किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दिए जाने पर 72 वर्षीय मां गंगा वर्मा अपनी किडनी दान करने के लिए आगे आईं. यह अंग प्रत्यारोपण सर्जरी शहर के सरकारी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में सफलतापूर्वक की गई. अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. रितेश बनोडे ने बताया कि दाता की बढ़ती उम्र के कारण प्रत्यारोपण चुनौतीपूर्ण था, लेकिन सर्जरी पूरी तरह सफल रही. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह मामला लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित करेगा.
अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद मां-बेटे की जोड़ी घर पर स्वास्थ्य लाभ कर रही है. दोनों ने इस फैसले पर भावुक होकर प्रतिक्रिया दी. अपने बच्चे की जान बचाना एक मां का फर्ज होता है. अगर मेरी किडनी ने मेरे बेटे की जान बचाई, तो इससे ज़्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है?"भावुक होकर कहा, "मैं पिछले तीन सालों से डायलिसिस करवा रहा था. अब मेरी मां ने मुझे फिर से जिंदगी दी है. मैं अपनी मां का यह कर्ज कभी नहीं चुका सकता."
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