जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस) में आने वाले मरीजों को इन दिनों दवाइयां मिलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बजट होने के बावजूद दवाइयों की खरीद में देरी से परेशानी हो रही है। शुगर, हार्ट आदि सामान्य बीमारियों से जुड़ी रूटीन दवाएं 20 दिन से भी ज्यादा समय से काउंटरों पर उपलब्ध नहीं हो रही हैं। वहीं जिम्मेदार अधिकारी कह रहे हैं कि टेंडर जारी हो चुके हैं। रेट कॉन्ट्रैक्ट होते ही दवाओं की खरीद शुरू हो जाएगी और आपूर्ति सुचारू हो जाएगी। डीडीसी काउंटर पर दवाइयां नहीं मिलने से लोग लौट रहे हैं या उन्हें दूसरे डीडीसी काउंटर नंबर 10, 11 पर भेजा जा रहा है। इस काउंटर पर मरीज डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा की पर्ची और उसके साथ अपने पहचान पत्र (आधार और जन आधार) की फोटोकॉपी जमा कराता है। इसके बाद उसे उसी दिन (2 से 3 घंटे बाद) या अगले दिन दवा उपलब्ध करा दी जाती है। इन दिनों इन काउंटरों पर लंबी कतारें लग रही हैं। मरीज को पर्ची जमा कराने के लिए एक से दो घंटे या इससे भी ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है।
एमसीडीडब्ल्यू में जो दवाइयां उपलब्ध हैं, उन्हें हम उपलब्ध करा रहे हैं
मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (एमओआईसी) डॉ. जगदीश मोदी का कहना है कि हमारी दवाइयां मेडिकल कॉलेज ड्रग वेयरहाउस (एमसीडीडब्ल्यू) से आती हैं। जो दवाइयां एमसीडीडब्ल्यू में उपलब्ध नहीं होती हैं, उनके लिए हम एनएसी लेते हैं। इसे हम अस्पताल के केंद्रीय दवा भंडार के एमओआईसी को देते हैं। ताकि वे अस्पताल स्तर पर उन दवाओं को खरीदकर उपलब्ध करा सकें। अभी हमारे पास ड्रग वेयरहाउस में जितनी भी दवाइयां उपलब्ध हैं, उन्हें डीडीसी, आईसीयू वार्ड, जनरल वार्ड, ओटी में उपलब्ध कराया जा रहा है।
बल्क खरीद के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं, जल्द ही रेट कॉन्ट्रैक्ट होगा
इस बीच एसएमएस अस्पताल के केंद्रीय दवा भंडार के एमओआईसी डॉ. संजय शेखावत का कहना है कि मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में जो दवाएं सूचीबद्ध हैं। उनमें से हमने 500 से अधिक दवाओं के लिए रेट कॉन्ट्रैक्ट किया है। कुछ दवाएं ऐसी हैं, जिनके लिए बल्क खरीद के लिए टेंडर जारी किए हैं। हम जल्द ही उनके लिए रेट कॉन्ट्रैक्ट करेंगे और खरीद शुरू करेंगे। जिन मरीजों को दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं, उनके लिए हम स्थानीय स्तर पर छूट पर दवाइयां खरीदकर डीडीसी 10 और 11 से उपलब्ध करा रहे हैं।
हम जल्द ही दवाओं की कमी को पूरा करेंगे
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी का कहना है कि हम आरएमआरएस फंड से यथासंभव दवाइयां खरीदकर मरीजों को दे रहे हैं। रूटीन दवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।
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