जैसलमेर के सम गांव स्थित सुदासरी ग्रेट इंडियन बस्टर्ड प्रजनन केंद्र में आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन (एआई) या कृत्रिम गर्भाधान के जरिए एक शिशु ग्रेट इंडियन बस्टर्ड का जन्म हुआ। दावा किया जा रहा है कि कृत्रिम गर्भाधान के जरिए ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पैदा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश है। डीएफओ बृजमोहन गुप्ता ने बताया- रामदेवरा से नर ग्रेट इंडियन बस्टर्ड सुदा का शुक्राणु लेकर सुदासरी में मादा ग्रेट इंडियन बस्टर्ड शर्की से कृत्रिम गर्भाधान किया गया। मादा शर्की ने 26 मार्च को अंडा दिया, जिससे 17 अप्रैल को चूजे का जन्म हुआ। इसके साथ ही इस तकनीक से पैदा हुआ यह तीसरा ग्रेट इंडियन बस्टर्ड है।
अब प्रजनन केंद्र में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड की संख्या 55 हो गई है। गौरतलब है कि पिछले साल 2024 में पहली बार इस प्रक्रिया को अपनाकर ग्रेट इंडियन बस्टर्ड का जन्म हुआ था। जिसके बाद वर्ष 2025 में इस तकनीक के माध्यम से 2 ग्रेट इंडियन बस्टर्ड का जन्म हुआ है। विलुप्त होने के कगार पर पहुंची ग्रेट इंडियन बस्टर्ड की इस दुर्लभ प्रजाति को बचाने के लिए एआई तकनीक का उपयोग कर कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को जन्म देने के प्रयास लगातार सफल हो रहे हैं।
नर ग्रेट इंडियन बस्टर्ड सुदा के शुक्राणु से कृत्रिम गर्भाधान किया गया
डेजर्ट नेशनल पार्क के डीएफओ बृजमोहन गुप्ता ने बताया कि 20 मार्च को कृत्रिम गर्भाधान के बाद 17 अप्रैल को जैसलमेर के सुदासरी स्थित संरक्षण प्रजनन केंद्र में मादा शर्की द्वारा 26 मार्च को दिए गए अंडे से सीजन का 11वां ग्रेट इंडियन बस्टर्ड चूजा निकला, जो प्रोजेक्ट जीआईबी के लिए दूसरी कृत्रिम गर्भाधान सफलता का प्रतीक है। अब ग्रेट इंडियन बस्टर्ड प्रजनन केंद्र में इनकी संख्या बढ़कर 55 हो गई है, जो किए जा रहे प्रयासों में एक सुखद संकेत है।
कृत्रिम गर्भाधान (एआई) विधि का प्रयोग करने वाला भारत पहला देश है
डीएफओ गुप्ता ने बताया कि इस विधि को कृत्रिम गर्भाधान (एआई) कहते हैं। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पर यह पहला परीक्षण है। ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश है। इस विधि में नर ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के सामने कृत्रिम मादा को रखा जाता है। फिर उसे संभोग के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, ताकि वह शुक्राणु दे सके, वह भी बिना संभोग के। इस तरह नर को प्रशिक्षित करने में करीब 8 महीने लगे।
8 महीने तक नर ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को प्रशिक्षित किया
पहले ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के जन्म के लिए रामदेवरा ग्रेट इंडियन ब्रीडिंग सेंटर स्थित सुदा नामक नर ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को कृत्रिम संभोग के लिए प्रशिक्षित किया गया। उसके शुक्राणु एकत्रित किए गए। शुक्राणु को सुदासरी स्थित प्रजनन केंद्र ले जाया गया, जहां 20 सितंबर 2024 को टोनी नामक मादा ग्रेट इंडियन बस्टर्ड का कृत्रिम गर्भाधान किया गया। जिसके बाद इस विधि से पहला ग्रेट इंडियन बस्टर्ड जन्मा। अब इस विधि से एक और ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के जन्म लेने से खुशी की लहर है। गौरतलब है कि 17 अप्रैल को जन्मा ग्रेट इंडियन बस्टर्ड इस विधि से पैदा होने वाला तीसरा ग्रेट इंडियन बस्टर्ड है।
अबूधाबी से आया आइडिया
डीएफओ ने कहा- इंटरनेशनल फंड फॉर होउबारा कंजर्वेशन फाउंडेशन अबूधाबी (आईएफएचसी) में तिलोर पक्षी पर इस तरह का परीक्षण किया गया था और यह सफल रहा। भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) के वैज्ञानिकों ने भी वहां जाकर इस तकनीक को सीखा। इसके बाद ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पर इस तरह के परीक्षण के प्रयास शुरू किए गए।
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