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किसान ध्यान दें! फसल बीमा का लाभ पाने के लिए 72 घंटे में देना होगा नुकसान की जानकारी, वरना मुआवजा नहीं

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए एक बड़ी राहत है, लेकिन इसका लाभ उठाने के लिए किसानों को समय पर सूचना देना बेहद ज़रूरी है।संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार, जिला परिषद जयपुर, कैलाश चंद मीणा ने बताया कि खरीफ 2025 के अंतर्गत अधिसूचित फसलें बाजरा, मूंग, मूंगफली, ज्वार, तिल, ग्वार और चौला हैं। यदि ये फसलें बुवाई से कटाई तक सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, कीट व्याधि, आकाशीय बिजली या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त होती हैं, तो किसान को मुआवजा मिल सकेगा।

फसल क्षति होने पर किसान को 72 घंटों के भीतर 'कृषि रक्षक पोर्टल', हेल्पलाइन 14447, फसल बीमा ऐप या व्हाट्सएप चैटबॉट नंबर 7065514447 पर सूचित करना होगा। कटाई के बाद खेत में सुखाने के लिए रखी गई फसलें यदि चक्रवात, बेमौसम बारिश या ओलावृष्टि से प्रभावित होती हैं, तो नुकसान का आकलन बीमित किसान की फसल के आधार पर व्यक्तिगत स्तर पर किया जाएगा।

जयपुर जिले में खरीफ 2025 के लिए भारतीय कृषि बीमा कंपनी लिमिटेड को बीमा कंपनी के रूप में अधिसूचित किया गया है। कंपनी ने प्रत्येक तहसील स्तर पर समन्वयक नियुक्त किए हैं ताकि किसान समय पर सूचना देकर योजना का अधिकतम लाभ उठा सकें। जिला समन्वयक मगनलाल मीणा के साथ, प्रत्येक तहसील में नियुक्त समन्वयक किसानों की सहायता करेंगे।

योजना पर एक नज़र
किसानों को फसल क्षति की सूचना 72 घंटों के भीतर देना अनिवार्य है।
अधिसूचित फसलें: बाजरा, मूंग, मूंगफली, ज्वार, तिल, ग्वार और चौला।
बुवाई से कटाई तक प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान के लिए मुआवजा दिया जाएगा।
कटाई के बाद सुखाने के लिए रखी गई फसलें भी ओलावृष्टि या चक्रवात से प्रभावित होने पर कवर की जाती हैं।
बीमा कंपनी ने प्रत्येक तहसील स्तर पर समन्वयक नियुक्त किए हैं, किसान सीधे संपर्क कर सकते हैं।

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