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Udaipur Files Controversy: कन्हैयालाल मर्डर केस पर बनी फिल्म से उठा सियासी तूफान, जाने कहानी से लेकर विवाद तक की 10 अहम बातें

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उदयपुर के बहुचर्चित कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म "उदयपुर फाइल्स" पिछले कुछ समय से चर्चा का विषय बनी हुई है। यह फिल्म शुक्रवार (11 जुलाई) को रिलीज़ होने वाली है। इस हत्याकांड के एक प्रमुख आरोपी मोहम्मद जावेद ने इस फिल्म पर गंभीर आपत्ति जताई है। जावेद ने फिल्म की रिलीज़ रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था और सुप्रीम कोर्ट में भी गुहार लगाई थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (9 जुलाई) को उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद फिल्म की रिलीज़ का रास्ता साफ़ हो गया है। आइए समझते हैं कि यह फिल्म क्या है और इसे लेकर विवाद क्यों हुआ।

  • उदयपुर फाइल्स वर्ष 2022 में उदयपुर में हुए कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित एक फिल्म है। कन्हैया लाल तेली एक दर्जी थे और 28 जून 2022 को दो हमलावरों ने उनकी गला रेतकर हत्या कर दी थी।
  • दोनों हमलावरों - मोहम्मद रियाज़ अत्तारी और मोहम्मद गौस - ने हत्या का वीडियो रिकॉर्ड किया और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। दोनों हमलावरों को राजसमंद से गिरफ्तार किया गया। इस हत्याकांड की जाँच एनआईए को सौंप दी गई।
  • बताया गया कि दोनों हमलावरों ने कन्हैयालाल की हत्या उसके फेसबुक पोस्ट के कारण की। इस पोस्ट में कन्हैयालाल ने तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी प्रवक्ता नुपुर शर्मा का समर्थन किया था।
  • उदयपुर फाइल्स इसी हत्याकांड पर आधारित एक फिल्म है। प्रसिद्ध अभिनेता विजय राज इस फिल्म में कन्हैया लाल की भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म का निर्देशन भारत एस. श्रीनेत ने किया है और इसका निर्माण अमित जानी ने किया है। रजनीश दुग्गल और प्रीति झंगियानी फिल्म के अन्य प्रमुख कलाकार हैं।
  • आरोपी मोहम्मद जावेद ने राजस्थान में फिल्म की रिलीज़ रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। दावा किया गया था कि इस मामले की सुनवाई अदालत में चल रही है और फिल्म की रिलीज़ से केस पर असर पड़ सकता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया।
  • फिल्म की रिलीज़ रोकने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई है। यह याचिका जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दायर की है। इसमें कहा गया है कि फिल्म सांप्रदायिक भावनाओं को भड़का सकती है।
  • दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में फिल्म के ट्रेलर को आधार बनाया गया है और दावा किया गया है कि इसमें 2022 में भावनाओं को भड़काने वाले संवाद दोहराए गए हैं। फिल्म का ट्रेलर 26 जून को रिलीज़ हुआ था।
  • दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म के निर्माताओं को निर्देश दिया है कि वे रिलीज़ से पहले इसे याचिकाकर्ताओं को दिखाएँ। कोर्ट के समक्ष सेंसर बोर्ड और फिल्म निर्माताओं ने कहा है कि आपत्तिजनक हिस्सों को हटा दिया गया है।
  • उदयपुर फाइल्स के निर्माता भरत श्रीनेत ने कहा है कि सेंसर बोर्ड की आपत्तियों के बाद उन्हें फिल्म के 150 हिस्से काटने पड़े। उनका कहना है कि यह फिल्म किसी धर्म के बारे में नहीं, बल्कि एक विचार और सच्चाई के बारे में है।
  • कन्हैया लाल के परिवार ने इस फिल्म की रिलीज़ का समर्थन किया है। कन्हैया लाल के बेटे यश ने कहा है कि यह फिल्म किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ है, जिसे सभी को देखना चाहिए।
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