लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के बीच नई दिल्ली में अहम बैठक हुई। बैठक में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के इको सेंसिटिव जोन की सीमा को 10 किलोमीटर से घटाकर 1 किलोमीटर करने पर सहमति बनी।
क्षेत्र के विकास के लिए यह निर्णय काफी महत्वपूर्ण है। वर्तमान में 10 किलोमीटर की सीमा के कारण कई गांवों को भूमि आवंटन और पट्टा-रजिस्ट्री में दिक्कत आ रही है। नई व्यवस्था से सैकड़ों गांवों को फायदा होगा। अब विकास कार्यों के लिए वन विभाग की अनुमति की भी जरूरत नहीं होगी। प्रस्तावित इको सेंसिटिव जोन 1215.96 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला होगा। यह 1501.89 वर्ग किलोमीटर के संरक्षित क्षेत्र को घेरेगा।
इसकी चौड़ाई अधिकतम 14.79 किलोमीटर तक होगी। मसौदे के मुताबिक कोर-I क्षेत्र 930.47 वर्ग किलोमीटर और कोर-II 285.49 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करता है। कोर-II राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य का हिस्सा है। अधिसूचना जारी होने के बाद 75 दिनों तक लोगों से सुझाव और आपत्तियां मांगी जाएंगी। इसके बाद अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी। क्षेत्र की निगरानी के लिए राज्य सरकार ने एक समिति बनाई है। यह समिति क्षेत्र का पर्यावरण संतुलन और सतत प्रबंधन सुनिश्चित करेगी।
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