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राजस्थान में बायोफ्यूल के नाम पर बड़ा फ्रॉड! किरोड़ी लाल ने खोला 1000 करोड़ के घोटाले का राज, अब होगी सख्त कार्यवाही

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राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीना ने सिरोही में नकली बायोफ्यूल बनाने वाली तीन कंपनियों और दो पंपों पर छापेमारी कर बड़ी कार्रवाई की है। इस दौरान डॉ. मीना ने कहा कि बायोफ्यूल उत्पादन की मंशा देश में डीजल आयात पर निर्भरता कम करना और पर्यावरण की रक्षा करना था, लेकिन राजस्थान में कुछ कंपनियों ने इसे मुनाफे का जरिया बना लिया और नकली बायोफ्यूल बेचकर कंपनी ने सरकारी राजस्व को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। अकेले कोटियार्क इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने राजस्थान को करीब 1000 करोड़ और केंद्र सरकार को 100 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान पहुंचाया है।

कंपनी की वैधता 2022 में ही खत्म हो गई
कृषि मंत्री ने आगे कहा कि स्वरूपगंज स्थित मैसर्स कोटियार्क इंडस्ट्रीज के बायोफ्यूल उत्पादन की वैधता जुलाई 2022 में ही खत्म हो गई थी। इसके बावजूद इस कंपनी ने अवैध रूप से 30 लाख लीटर बायोफ्यूल का उत्पादन कर बेचा। जांच में पता चला कि इनके पास सिर्फ 7.72 लाख लीटर कच्चा माल और 3 लाख लीटर स्टॉक था, जिससे अधिकतम 10 लाख लीटर ईंधन का उत्पादन किया जा सकता था। बाकी 20 लाख लीटर ईंधन नकली निकला, जिसमें हाइड्रोकार्बन ऑयल, फर्नेस ऑयल और एमटीओ जैसी प्रतिबंधित चीजों का इस्तेमाल किया गया था। 

इस फर्जीवाड़े के कारण राज्य सरकार को हर साल करीब 60 करोड़ का नुकसान हुआ है। यानी छह साल में करीब 360 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। कोटियार्क इंडस्ट्रीज ने अकेले सरकार को 1000 करोड़ के राजस्व का चूना लगाया है। जांच में यह भी पता चला कि कोटियार्क कंपनी ने एक अप्रैल 2025 तक 2.19 लाख लीटर बायोफ्यूल भारत सरकार की तेल कंपनियों को बेचा था, लेकिन सैंपल फेल होने पर कंपनियों ने यह ईंधन वापस कर दिया। कंपनी ने इस ईंधन को न तो नष्ट किया और न ही कागजों पर दिखाया। कंपनी को सीज करने के आदेश मंत्री ने इस कंपनी को मौके पर ही सीज करने और एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। 

इसके बाद मंत्री मीना विश्व खनिज प्राइवेट लिमिटेड और वासुदेव बायो एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड पहुंचे। विश्व खनिज प्राइवेट लिमिटेड की उत्पादन स्वीकृति फरवरी 2023 में खत्म हो चुकी थी, लेकिन दस्तावेजों से पता चला कि कंपनी ने फिर भी इंडियन ऑयल को 48 हजार लीटर बायोफ्यूल बेचा। कंपनी प्रतिनिधियों ने बताया कि डेढ़ साल से उत्पादन बंद है, जो गलत साबित हुआ। वासुदेव बायो एनर्जी बिना लाइसेंस के चल रही थी। दोनों कंपनियों को मौके पर ही सीज करने और कानूनी कार्रवाई के आदेश दिए गए। कार्रवाई के अंतिम चरण में मंत्री मीना सिरोही जिले में संचालित दो बायो फ्यूल पंप पर पहुंचे। पंप संचालक तो मौके से भाग गए, लेकिन ट्रक चालकों और मैकेनिकों ने बताया कि यहां से फ्यूल लेने के बाद उनके वाहनों में तकनीकी खराबी आ गई। मंत्री ने दोनों पंपों को तत्काल सीज करने और रसद विभाग के माध्यम से विस्तृत जांच के आदेश दिए।

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