टोंक जिले में बनास नदी पर 1876 करोड़ रुपए की लागत से निर्माणाधीन ईसरदा बांध परियोजना का 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है। अधिकारी इस मानसून सीजन में बांध में कुछ पानी स्टोर करने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में दौसा और सवाई माधोपुर के 7 शहरों के साथ 1256 गांवों के लोगों को बनास से पानी मिलने की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। भविष्य में जयपुर की उम्मीदें भी ईसरदा बांध से पूरी होंगी। पहले चरण के बाद दूसरे चरण में बांध को पूरा भरना होगा। ईआरसीपी से जुड़ने के बाद ईसरदा बांध का पानी जयपुर के रामगढ़ बांध में डालने की योजना साकार हो सकेगी।
टोंक जिले का दूसरा सबसे बड़ा बांध
बनास नदी पर स्थित ईसरदा बांध बीसलपुर बांध के बाद टोंक जिले का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। यह टोंक-सवाई माधोपुर जिले की सीमा पर बनेठा और ईसरदा गांवों के बीच स्थित है। बांध में 600 मीटर लंबा कंक्रीट का बांध बनाया गया है, जिसमें 28 गेट लगाए गए हैं। इसके दोनों ओर करीब 5 किलोमीटर लंबा मिट्टी का बांध भी बनाया गया है। इस बांध में 262 आरएल मीटर की ऊंचाई तक 10.77 टीएमसी (हजार मिलियन क्यूबिक फीट) पानी रोकना प्रस्तावित है, जिससे दौसा और सवाई माधोपुर जिले के 7 शहरों और 1256 गांवों को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। बता दें कि टोंक जिले में बनास नदी पर बना 38.800 टीएमसी क्षमता वाला बीसलपुर बांध जिले का सबसे बड़ा बांध है।
10 साल में चार बार बढ़ाई जा चुकी है समय सीमा
ईसरदा बांध का निर्माण 2021 तक पूरा करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। लेकिन वन मंत्रालय की भूमि हस्तांतरण स्वीकृति और कोरोना आपदा समेत कई तकनीकी दिक्कतों के चलते पिछले 10 साल में भी ईसरदा बांध का शत-प्रतिशत निर्माण नहीं हो सका।
तीन बार बढ़ाई गई समय सीमा
पहली बार समय सीमा 2021 तक बढ़ाई गई, दूसरी बार अक्टूबर 2023 तक और अब एक बार फिर तीसरी बार समय सीमा अगस्त 2024 तक बढ़ाई गई। उसके बाद इसकी समय सीमा जनवरी 2025 तक बढ़ाई गई लेकिन आज भी यह बांध अधूरा है।
पिछले मानसून में 31 टीएमसी पानी की हुई थी निकासी
राजधानी जयपुर, अजमेर और टोंक की लाइफलाइन 38.703 टीएमसी क्षमता वाले बीसलपुर बांध के गेट 6 सितंबर को सातवीं बार खोले गए और लगातार पानी की निकासी की जा रही है। कभी दो, कभी चार तो कभी छह गेट खोलकर बांध से पिछले पांच दिनों में समय-समय पर पानी की आवक के आधार पर 12 हजार क्यूसेक से लेकर 96 हजार 160 क्यूसेक पानी की निकासी की गई है और परियोजना अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2024 के मानसून सीजन में बीसलपुर बांध से 31 टीएमसी पानी की निकासी की गई, जिससे करीब 3 ईसरदा बांध भर सकते थे। गौरतलब है कि जयपुर, अजमेर और टोंक की लाइफलाइन माने जाने वाले बीसलपुर बांध से 2024 के मानसून सीजन में 31 टीएमसी पानी की निकासी की गई थी। परियोजना अधिकारियों के अनुसार, यदि ईसरदा बांध बनकर तैयार हो जाता तो यह पानी करीब 3 ईसरदा बांधों को भर सकता था।
अधिकारियों ने कहा, इस बार रोकेंगे पानी
ईसरदा बांध परियोजना के अधिशासी अभियंता विकास गर्ग ने बताया कि वे मानसून सीजन 2025 के लिए पूरी तरह तैयार हैं और इस बार बांध में पानी रोका जाएगा। उन्होंने बताया कि बांध लगभग बनकर तैयार हो चुका है, जिसमें 600 मीटर कंक्रीट बांध और करीब 5 किलोमीटर मिट्टी के बांध का निर्माण भी प्रगति पर है। गर्ग ने यह भी बताया कि भविष्य में इस बांध का पानी जयपुर के रामगढ़ बांध में डालने की योजना है। ईआरसीपी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) में इस बांध का बहुत महत्व है, जिससे लोगों को पीने का पानी तो मिलेगा ही साथ ही क्षेत्र की तस्वीर भी बदलेगी।
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