मंगलवार सुबह गोगुंदा में नाकाबंदी के दौरान एटीएम में नकदी डालने वाली एक वैन से एक बंदूकधारी समेत 5 संदिग्धों को 1100 किलो चांदी के साथ पकड़ा गया। ये सभी अहमदाबाद से चांदी लेकर जयपुर जा रहे थे। मामला चांदी की तस्करी, कर चोरी, अवैध परिवहन और आपूर्ति से जुड़ा होने का संदेह है। पुलिस ने आयकर विभाग और जीएसटी विभाग को सूचित किया है। दस्तावेजों की पुष्टि के बाद पुलिस या संबंधित विभाग आगे की कार्रवाई करेगा। दस्तावेजों के अनुसार, वाहन में 1100 किलो चांदी है, जिसकी कीमत 11 करोड़ रुपये से अधिक है। यह वाहन सीएमएस कनेक्टिंग कॉमर्स कंपनी का है, जो देश भर के बैंकिंग एटीएम में नकदी लाने और ले जाने का काम करती है।
इसी वजह से पुलिस को हुआ शक
पूछताछ के दौरान युवकों ने बताया कि वे अहमदाबाद से हिम्मत नगर होते हुए आए हैं। तभी पुलिस को शक हुआ, क्योंकि गोगुंदा हिम्मत नगर के रास्ते में नहीं आता। हिम्मत नगर का रास्ता उदयपुर और नाथद्वारा होते हुए सीधे जयपुर जाता है।
सामने कोई नंबर प्लेट नहीं थी
गोगुंदा थाना प्रभारी श्याम सिंह ने बताया कि सोमवार रात गोगुंदा टोल नाके पर नाकाबंदी की गई थी। सुबह 4 बजे बिना नंबर प्लेट वाली एक कैश वैन दिखाई दी। गाड़ी में एक गनमैन समेत 5 लोग सवार थे। शक होने पर गाड़ी को रुकवाया गया और ड्राइवर से पूछताछ की गई, लेकिन वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। दस्तावेजों में गुजरात नंबर GJ 01 JT 5787 वाली गाड़ी में 1100 किलो चांदी होने की बात सामने आई।
ड्राइवर ने बताया कि वह यह चांदी अहमदाबाद से जयपुर ले जा रहा था। इस पर पुलिस को शक हुआ कि अहमदाबाद से जयपुर जाते समय गोगुंदा टोल प्लाजा तीनों रूटों में से किसी में भी नहीं आता। गाड़ी के रूट को लेकर शक होने पर गाड़ी समेत सभी को हिरासत में लेकर थाने लाया गया।
आयकर विभाग को दी गई सूचना
आयकर विभाग और जीएसटी विभाग को सूचित किया गया। वे गाड़ी में रखी चांदी और दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। जांच के बाद आयकर विभाग को कोई गड़बड़ी नहीं मिली। जाँच में जीएसटी चोरी समेत अन्य अनियमितताएँ पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
उदयपुर के एसपी ने क्या कहा?
कुछ कंपनियाँ चाँदी का बीमा करवाकर उसे सुरक्षा एजेंसियों के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजती हैं। जिस रास्ते से यह गाड़ी जा रही थी, वह राष्ट्रीय राजमार्ग जितना सुरक्षित नहीं है। आयकर विभाग के अधिकारियों ने दस्तावेज़ों की जाँच की है। उन्हें ज़ब्त की गई चाँदी में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। जीएसटी अधिकारियों की जाँच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि कर चोरी की जा रही थी या नहीं।
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