इस साल के अंत तक जयपुर में राज्य का पहला वंदे भारत मेंटेनेंस डिपो बनकर तैयार हो जाएगा। इसका लगभग 78 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। यह यार्ड राजधानी जयपुर के खातीपुरा रेलवे स्टेशन पर बनाया जा रहा है। आने वाले समय में खातीपुरा स्टेशन से ही ट्रेनों का संचालन करने की भी योजना बनाई जा रही है।
हाल ही में उत्तर-पश्चिम रेलवे प्रशासन ने खातीपुरा स्टेशन के विस्तार को लेकर जेडीए को पत्र लिखा है। इसमें यार्ड का विस्तार करने, द्वितीय प्रवेश द्वार विकसित करने और आरडीएसओ क्वार्टर बनाने के लिए 21.8 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित करने को कहा गया है। द्वितीय प्रवेश द्वार विकसित करने के लिए 8 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी।
इसमें 2 हेक्टेयर में द्वितीय प्रवेश द्वार और 6 हेक्टेयर में आरडीएसओ कर्मचारियों के लिए क्वार्टर, कार्यालय भवन आदि बनाए जाएंगे। यहां विकसित की जाने वाली यात्री सुविधाओं का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को मंजूरी के लिए भेजा गया है। बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसे सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है।
जल्द ही इसे आधिकारिक मंजूरी भी मिल जाएगी, जिसके बाद सेकंड एंट्री विकसित करने का काम शुरू हो जाएगा, जो एक साल में पूरा हो जाएगा। खातीपुरा में आरडीएसओ की टीम भी मौजूद रहेगी। इस कार्य की लागत लगभग 204 करोड़ रुपये है। गौरतलब है कि उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल में राज्य का दूसरा वंदे भारत मेंटेनेंस डिपो बन रहा है। जो अगले दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा।
खातीपुरा स्टेशन पर गोनेर रोड की ओर लाइन संख्या-8 के पास एक डिपो बनाया जा रहा है। यहाँ वंदे भारत ट्रेनों के लिए एक समर्पित मेंटेनेंस डिपो बनाया जा रहा है। वंदे भारत के साथ-साथ अन्य मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों का भी मेंटेनेंस किया जा सकेगा। डिपो में 600 से 800 मीटर की 8 लाइनें बिछाई जा रही हैं।
मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, सिविल इंजीनियरिंग से जुड़ी उन्नत मशीनें लगाई जाएंगी। लाइन संख्या-8 से आगे 4 लाइनों का कोच वॉशिंग कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा। जहाँ ट्रेनों की धुलाई होगी, वहीं सफाई भी बेहतर होगी। खातीपुरा अब नए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के साथ 8 लाइनों वाला स्टेशन बन गया है।
खातीपुरा में रेल संचालन के लिए लाइन 1 से 8 का उपयोग किया जाएगा। लाइन 9 से 21 का उपयोग रखरखाव डिपो, शेड और यार्ड में स्टेबलिंग के लिए किया जाएगा। लाइन 22 और 23 का निर्माण भी यार्ड में प्रस्तावित है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, रेल प्रशासन पहली बार त्रि-स्तरीय इंटरलॉकिंग प्रणाली विकसित कर रहा है।
खातीपुरा स्टेशन के लाइन नंबर-1 की ओर, यानी सीबीआई गेट की ओर, एक इलेक्ट्रिक ट्रिप शेड विकसित किया गया है, जहाँ इलेक्ट्रिक इंजनों का रखरखाव किया जाएगा। यहाँ एक समय में 2 इलेक्ट्रिक इंजनों की प्राथमिक और आवधिक जाँच की जाएगी।
You may also like
रिलायंस जियो की नई इलेक्ट्रिक बाइक: 400 किमी रेंज और 30,000 रुपये से कम कीमत
बॉलीवुड के वो कपल्स जो ब्रेकअप के बाद एक-दूसरे से नफरत करने लगे
स्वीडन के गांव का विवादास्पद नाम, ग्रामीणों की बढ़ी चिंता
क्या है बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, जिसकी फ्री में डिग्री दे रहा जर्मनी? इन 5 यूनिवर्सिटीज में मिलेगा एडमिशन
1 साल के बच्चे ने सांप को चबाकर मार डाला, खुद हुआ बेहोश, जानिए क्या है मामला