आमतौर पर समुद्र का पानी खारा होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में केवल एक ही नदी है जिसका पानी खारा है। यह नदी इसलिए भी खास है क्योंकि इसका पानी समुद्र में नहीं मिलता।
एकमात्र लूनी नदी
हम आपको एकमात्र खारी नदी लूनी के बारे में बताने जा रहे हैं। लूनी नदी का उद्गम राजस्थान के अजमेर जिले के अरावली पर्वतों की नागा हिल्स से होता है। यहाँ से आगे यह नदी नागौर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर होते हुए जालौर तक जाती है। खास बात यह है कि उद्गम से कुछ दूरी तक इस नदी का पानी मीठा होता है, लेकिन धीरे-धीरे इसके पानी का स्वाद बदल जाता है।
लूनी नदी गहरी नहीं है
लूनी नदी गहरी नहीं है। यह नदी चौड़ाई में अधिकांश क्षेत्र को कवर करती हुई बहती है। साथ ही, लूनी नदी राजस्थान के उन इलाकों से होकर गुजरती है जहाँ अधिक गर्मी होती है। ऐसे में वहाँ का पानी जल्दी ही भाप में बदल जाता है और गायब हो जाता है।
गुजरात का कच्छ का रण
लूनी नदी थार रेगिस्तान में पहुँचकर गुजरात के कच्छ के रण में लुप्त हो जाती है और किसी समुद्र में नहीं गिरती। आपको बता दें कि पश्चिमी राजस्थान की जीवनदायिनी और रेगिस्तानी नदी कही जाने वाली यह लूणी नदी किसानों को भी बड़ी राहत देती है।
आमतौर पर समुद्र का पानी खारा होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में केवल एक ही नदी है जिसका पानी खारा है। यह नदी इसलिए भी खास है क्योंकि इसका पानी समुद्र में नहीं मिलता।
एकमात्र लूनी नदी
हम आपको एकमात्र खारी नदी लूनी के बारे में बताने जा रहे हैं। लूनी नदी का उद्गम राजस्थान के अजमेर जिले के अरावली पर्वतों की नागा हिल्स से होता है। यहाँ से आगे यह नदी नागौर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर होते हुए जालौर तक जाती है। खास बात यह है कि उद्गम से कुछ दूरी तक इस नदी का पानी मीठा होता है, लेकिन धीरे-धीरे इसके पानी का स्वाद बदल जाता है।
लूनी नदी गहरी नहीं है
लूनी नदी गहरी नहीं है। यह नदी चौड़ाई में अधिकांश क्षेत्र को कवर करती हुई बहती है। साथ ही, लूनी नदी राजस्थान के उन इलाकों से होकर गुजरती है जहाँ अधिक गर्मी होती है। ऐसे में वहाँ का पानी जल्दी ही भाप में बदल जाता है और गायब हो जाता है।
गुजरात का कच्छ का रण
लूनी नदी थार रेगिस्तान में पहुँचकर गुजरात के कच्छ के रण में लुप्त हो जाती है और किसी समुद्र में नहीं गिरती। आपको बता दें कि पश्चिमी राजस्थान की जीवनदायिनी और रेगिस्तानी नदी कही जाने वाली यह लूणी नदी किसानों को भी बड़ी राहत देती है।
You may also like
लीजेंड्री कमीडियन ब्रह्मानंदम के साथ योगी बाबू ने मिलाया हाथ, तेलुगु में करेंगे डेब्यू
पिछले 5 वर्षों में भारत के एयरपोर्ट्स में हुआ 96,000 करोड़ रुपए का निवेश : मुरलीधर मोहोल
बंटवारे की पीड़ा से नारी संघर्ष तक… भीष्म साहनी की कहानियों में दिखी समाज की सच्चाई
बलबीर सिंह खुल्लर की दास्तां, जिन्होंने भारत को ओलंपिक में जिताया मेडल
धर्म छिपाकर अगर शादी की तो विवाह हो जाएगा आमान्य, हरियाणा सरकार की दो टूक, जानें बच्चों का क्या होगा?