राजस्थान के जयपुर-अजमेर हाईवे पर बुधवार सुबह एक बार फिर भीषण हादसा हुआ, जिसने आसपास के क्षेत्रों में खलबली मचा दी। केमिकल से भरे टैंकर और गैस सिलेंडर से लदे ट्रक की टक्कर के बाद आग की लपटें उठीं और लगातार धमाके होने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे की आवाज और धमाके आसपास के गांवों में धरती तक कांप उठा।
आग और धमाकों का भयावह दृश्यहादसे के तुरंत बाद दोनों वाहनों में आग फैल गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टैंकर चालक आग की लपटों में फंसते ही “मुझे बचा लो… बचा लो…” शब्द कहते हुए अपनी जान बचाने की कोशिश करता रहा, लेकिन तब तक आग ने सब कुछ अपनी चपेट में ले लिया। आसपास के लोग और राहगीर घबरा गए और घटना स्थल से दूर रहने को मजबूर हो गए।
दमकल और पुलिस की आपात कार्रवाईसूचना मिलते ही जयपुर और अजमेर की दमकल और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। आग इतनी भीषण थी कि उसे बुझाने में कई घंटे लगे। पुलिस ने हाईवे को बंद कर सुरक्षा उपाय लागू किए और आसपास के ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा।
खतरे और सुरक्षा संबंधी चेतावनीहादसे में इस्तेमाल हुआ केमिकल और गैस सिलेंडर अत्यधिक विस्फोटक और ज्वलनशील था। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर समय पर दमकल टीम नहीं पहुंचती, तो यह हादसा और भी बड़ा रूप ले सकता था। पुलिस और प्रशासन ने हाईवे के आसपास के लोगों को सावधानी बरतने और धुआं या लपटों के पास न जाने की चेतावनी दी।
प्राथमिक जांच और नुकसान का आकलनप्रारंभिक जांच में पता चला कि ट्रक और टैंकर की टक्कर अत्यधिक गति और ट्रैफिक नियंत्रण की कमी के कारण हुई। दोनों वाहनों में बैठे लोग गंभीर खतरे में थे। आग और धमाकों के कारण वाहनों को भारी नुकसान पहुंचा, जबकि आसपास के खेत और सड़क किनारे के इलाके भी प्रभावित हुए।
प्रशासन और राहत कार्यहादसे के बाद प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया। दमकलकर्मियों और पुलिस ने आग बुझाने के साथ-साथ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकालने का काम किया। हाईवे पर यातायात को वैकल्पिक मार्गों से संचालित किया गया।
कुल मिलाकर, जयपुर-अजमेर हाईवे पर यह हादसा एक भयावह दुर्घटना और चेतावनी दोनों है। आग और धमाकों से हुई तबाही ने इलाके में लोगों को हिला दिया और प्रशासन को सतर्क किया कि ऐसे खतरनाक माल को ले जाने वाले वाहनों की निगरानी और सुरक्षा को और मजबूत किया जाए।
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