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बीएमडब्ल्यू एक्सीडेंट: वित्त मंत्रालय के अधिकारी की मौत के मामले में परिवार, पुलिस और अस्पताल ने अब तक क्या-क्या बताया

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ANI

राजधानी दिल्ली में बीएमडब्ल्यू कार की टक्कर से एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी की मौत के मामले में ताज़ा कार्रवाई हुई है.

इस हादसे में अभियुक्त कार चला रही महिला को अस्पताल से छुट्टी मिलते ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.

पुलिस के मुताबिक, यह दुर्घटना रविवार दोपहर दिल्ली कैंटोनमेंट मेट्रो स्टेशन के पास हुई थी, जब बीएमडब्ल्यू कार ने एक दोपहिया वाहन को पीछे से टक्कर मार दी. दोपहिया वाहन सवार वित्त मंत्रालय के उप सचिव नवजोत सिंह (52) की मौके पर मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हैं.

पुलिस ने कार चालक के ख़िलाफ़ ग़ैर-इरादतन हत्या सहित कई धाराओं में मामला दर्ज करके जांच तेज़ कर दी है.

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हादसा कैसे हुआ?

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक़, रविवार (14 सितंबर) दोपहर दिल्ली के धौला कुआँ-दिल्ली कैंट मार्ग पर स्थित मेट्रो पिलर संख्या 67 के पास यह सड़क हादसा हुआ.

प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से पुलिस ने बताया कि एक तेज़ रफ़्तार बीएमडब्ल्यू कार ने पीछे से एक दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी. टक्कर इतनी ज़ोरदार थी कि कार सड़क पर एक ओर पलट गई और दोपहिया वाहन भी डिवाइडर के पास गिरा.

दोपहिया वाहन चला रहे नवजोत सिंह वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग में उप सचिव थे और पश्चिमी दिल्ली के हरी नगर इलाके में रहते थे. इस हादसे में उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं.

रिपोर्ट के मुताबिक़, नवजोत सिंह और उनकी पत्नी बंगला साहिब गुरुद्वारा में मत्था टेकने के बाद घर लौट रहे थे. रास्ते में उन्होंने कर्नाटक भवन पर खाना खाया और फिर हरी नगर की ओर रवाना हुए.

इसी दौरान दिल्ली कैंट क्षेत्र में पीछे से आ रही एक बीएमडब्ल्यू कार ने उनकी गाड़ी को टक्कर मार दी.

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रिपोर्ट में प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से कहा गया है कि हादसे के तुरंत बाद कार सवार दंपति (बीएमडब्ल्यू में मौजूद महिला चालक और उनके पति) ने घायलों को रास्ते से गुजर रही एक टैक्सी की मदद से अस्पताल पहुंचाया.

प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को यह भी बताया कि कार एक महिला चला रही थी. टक्कर के कारण कार का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था.

घायल नवजोत सिंह और उनकी पत्नी को घटनास्थल से काफी दूर उत्तर दिल्ली के जीटीबी नगर स्थित नूलाइफ़ अस्पताल ले जाया गया.

वहाँ पहुँचने पर नवजोत सिंह को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि उनकी 50 वर्षीय पत्नी को इलाज के लिए भर्ती किया गया.

उधर, बीएमडब्ल्यू सवार दंपति भी हादसे में चोटिल हुए और उन्हें भी उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया.

घटना के कुछ देर बाद जीटीबी नगर के उसी अस्पताल से पुलिस को सूचना दी गई कि नवजोत सिंह की मौत हो चुकी है और उनकी पत्नी का इलाज चल रहा है.

अस्पताल की तरफ़ से क्या कहा गया?

नूलाइफ़ अस्पताल (जीटीबी नगर) की निदेशक डॉ. शकुंतला कुमार ने घटना की जानकारी देते हुए पत्रकारों से बातचीतमें कहा, "14 सितंबर को दोपहर लगभग 2 बजे हमारे अस्पताल में एक मेडिको-लीगल केस लाया गया. यह मामला एक सड़क हादसे से जुड़ा था, जिसमें एक कार और एक मोटरसाइकिल शामिल थे. पुलिस को तुरंत सूचना दी गई. हादसे में एक व्यक्ति, जिनकी उम्र लगभग 50 से 57 साल रही होगी, मृत अवस्था में लाए गए. उनकी पत्नी, जिन्हें चोटें आई थीं लेकिन वे होश में थीं और स्थिर स्थिति में थीं, उन्हें भी अस्पताल लाया गया. उनकी इच्छा के अनुसार प्राथमिक उपचार और आवश्यक स्थिरीकरण के बाद उन्हें आगे के इलाज के लिए दूसरे अस्पताल रेफ़र किया गया."

उन्होंने आगे बताया की इसके अलावा, हादसे से जुड़े दो और मरीज़ यानी कार में मौजूद पति-पत्नी आपातकालीन विभाग में लाए गए. उन्हें तुरंत सहायता दी गई.

महिला मरीज़ को शुरुआती परीक्षण और इलाज के बाद स्थिर पाया गया. पुरुष मरीज़ को हमारी क्रिटिकल केयर टीम की सलाह के मुताबिक़ बड़े केंद्र पर रेफ़र किया गया.

पुलिस ने क्या बताया?

दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) अभिमन्यु पोसवाल ने एएनआई से बातचीत में बताया कि हादसे की जानकारी उन्हें रविवार दोपहर करीब 2 बजकर 20 मिनट पर मिली, जब धौला कुआँ इलाके में ट्रैफिक जाम की कई कॉल आईं. पुलिस की टीम मौके पर पहुँची तो पता चला कि एक बीएमडब्ल्यू कार और मोटरसाइकिल की टक्कर हुई है.

उन्होंने कहा, "12 स्वतंत्र गवाहों से यह पुष्टि हुई कि आरोपी को पहले ही टैक्सी से अस्पताल ले जाया गया था. इसी बीच हमारी टीम सीसीटीवी फुटेज की जाँच में जुटी और क्राइम टीम, साथ ही मोबाइल टीम ने साइट इंस्पेक्शन किया. करीब 4 बजकर 20 मिनट पर जीटीबी अस्पताल से कॉल आई कि दिल्ली कैंट इलाके से एक्सीडेंट का केस उनके पास लाया गया है. इसके बाद हमारी कार्रवाई आगे बढ़ी. इस केस में एफ़आईआर दर्ज हो चुकी है और जाँच जारी है."

डीसीपी के मुताबिक, बीएमडबल्यू में बैठे दंपती गुरुग्राम के रहने वाले कारोबारी है.

उन्होंने कहा, "जहाँ तक सवाल है कि एक्सीडेंट क्यों हुआ और क्या नशे में गाड़ी चलाई गई, यह अभी जाँच का हिस्सा है. स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही जानकारी साझा की जाएगी."

image BBC

पुलिस ने बताया कि मामले में ग़ैर-इरादतन हत्या और सबूत छिपाने से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

पोसवाल ने कहा, "सबूत छिपाने की धारा इसलिए जोड़ी गई क्योंकि हादसा नज़दीक हुआ था, लेकिन आरोपी को दूर अस्पताल ले जाया गया. यह निर्णय वरिष्ठ अधिकारियों और प्रॉसिक्यूशन से चर्चा के बाद लिया गया, ताकि आगे की जाँच में इसे पेश किया जा सके."

उन्होंने यह भी साफ़ किया कि एम्स जैसे नज़दीकी अस्पताल की जगह दूर अस्पताल ले जाने की वजह का अभी तक कोई ठोस आधार सामने नहीं आया है. यह भी जांच का हिस्सा है. डीसीपी ने कहा, "क्या यह महज़ एक्सीडेंट है या इसके पीछे कोई साज़िश, इस पर अभी टिप्पणी करना जल्दबाज़ी होगी. जैसे-जैसे जाँच आगे बढ़ेगी, स्थिति साफ़ होगी."

पीड़ित परिवार क्या कह रहा है? image BBC

इस हादसे से नवजोत सिंह का परिवार गहरे सदमे में है. पीटीआई से बातचीत में नवजोत के बेटे ने आरोप लगाया कि दुर्घटनास्थल के पास स्थित एम्स जैसे नज़दीकी बड़े अस्पताल ले जाने के बजाय उनके माता-पिता को लगभग 22 किलोमीटर दूर एक निजी अस्पताल ले जाया गया.

उनका यह भी दावा है कि उस अस्पताल में गंभीर हालत के बावजूद उनकी माँ को लॉबी में बैठाए रखा गया, जबकि बीएमडब्ल्यू कार में सवार मामूली रूप से घायल व्यक्ति को तुरंत भर्ती कर लिया गया.

नवजोत के बेटे के मुताबिक, "इस लापरवाही और देरी के कारण मेरे पिता को मृत घोषित कर दिया गया और मेरी माँ दर्द से कराहती रहीं."

परिवार ने बाद में बेहतर इलाज के लिए नवजोत की पत्नी को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया.

हालांकि लापरवाही के आरोपों को अस्पताल प्रशासन ने ख़ारिज किया है.अस्पताल प्रशासन का कहना है, "अस्पताल ने समय पर पुलिस अधिकारियों को सूचित किया और सभी आवश्यक कानूनी और चिकित्सीय प्रोटोकॉल का पालन किया. हमारी मेडिकल टीम ने प्रत्येक मरीज़ को आपातकालीन स्थिति में समय पर और उपयुक्त देखभाल दी, सभी नैतिक मानकों के अनुसार."

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.

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