जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में चरमपंथी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद सरकार ने देशभर में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल्स कराने का एलान किया था.
अब एक बार फिर ये मॉक ड्रिल देश की पश्चिमी सीमा से सटे चार अहम राज्यों गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ में होगी.
ये मॉक ड्रिल 29 मई यानी गुरुवार होगी. हालांकि पंजाब ने कहा है कि वो ये मॉक ड्रिल 3 जून को कराएगा.
हरियाणा सरकार 29 मई को शाम 5 बजे से पूरे राज्य में 'ऑपरेशन शील्ड' नाम की एक बड़ी सिविल डिफेंस एक्सरसाइज कराने जा रही है.
ये ड्रिल राज्य की 22 जिलों में एक साथ होगी ताकि किसी भी इमरजेंसी में तैयारी और रेस्पॉन्स को बेहतर बनाया जा सके.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर गुरुवार को मॉक ड्रिल कराने को कहा है.
ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पंजाब के होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस के स्पेशल डीजीपी संजीव कालरा ने केंद्र से कहा है कि पंजाब सरकार 29 मई को मॉक ड्रिल नहीं करा सकती.
सूत्रों के मुताबिक़ पंजाब में 3 जून को शाम साढ़े सात बजे मॉक ड्रिल कराई जाएगी.
बीबीसी के सहयोगी पत्रकार मोहर सिंह मीणा ने बताया है कि राजस्थान में 29 मई को मॉक ड्रिल के आदेश दिए गए हैं.
राज्य के नागरिक सुरक्षा विभाग ने सभी जिला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट को ब्लैक आउट और मॉक ड्रिल के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
निदेशालय, नागरिक सुरक्षा राजस्थान के निदेशक जगजीत सिंह मोंगा के मुताबिक़ जारी दिशा-निर्देश के अनुसार गुरुवार शाम राज्य के सभी 41 जिलों में मॉक ड्रिल एवं ब्लैक आउट कराया जाना है.
राज्य के सभी 7 संभागों के 41 जिलों में द्वितीय सिविल डिफेंस अभ्यास ( ऑपरेशन शील्ड ) का आयोजन किया जाएगा.
मॉक ड्रिल में क्या-क्या गतिविधियां
इस अभ्यास के अतंर्गत निम्नलिखित गतिविधियाँ की जाएंगी-
- सिविल डिफेंस वार्डन, स्वयंसेवकों, स्थानीय प्रशासन और एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस, स्काउट्स व गाइड्स के युवा स्वयंसेवकों की भागीदारी.
- दुश्मन के हवाई हमलों (विमान, ड्रोन एवं मिसाइल आदि) की प्रतिक्रिया.
- वायुसेना एवं सिविल डिफेंस नियंत्रण कक्षों के बीच हॉटलाइन तथा एयर रेड साइनों की प्रणाली की सक्रियता का परीक्षण करना.
- चिन्हित अति संवेदनशील क्षेत्र / स्थान पर पूर्ण ब्लैकआउट (लगभग 15 मिनिट) अभ्यास करना (अतिआवश्यक सेवाओ को छोडकर).
- सैन्य क्षेत्र पर दुश्मन ड्रोन के हमले की स्थिति का अभ्यास.
- स्थानीय प्रशासन की सहायता से 20 घायलों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का अभ्यास.
- बड़ी संख्या में घायलों की स्थिति मे मेडिकल टीमों की तैनाती एवं 30 यूनिट रक्त की व्यवस्था का अभ्यास.
- सीमा क्षेत्र गृह रक्षक दलों की सेना के साथ त्वरित तैनाती एवं संचालन स्थल तक पहुंचने का अभ्यास.
पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' के कुछ ही हफ़्तों बाद ये मॉक ड्रिल हो रही है.
पहली मॉक ड्रिल्स के तहत पूरे देश के 244 जिलों में ब्लैकआउट एक्सरसाइज, एयर रेड सायरन, इवैकुएशन प्रोटोकॉल और पब्लिक अवेयरनेस सेशन जैसी कवायद की गई थी.
इनका मक़सद युद्ध जैसे हालात में आम जनता को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करना था.
इससे पहले भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई को मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए थे.
इसमें सरकार ने देशभर के 244 सूचीबद्ध सिविल डिफ़ेंस ज़िलों में सिविल डिफ़ेंस का अभ्यास और रिहर्सल करने के निर्देश दिए थे.
हालांकि भारतीय सेना ने 6 और 7 मई की दरमियानी रात को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान के अंदर हवाई हमले के दावे किए थे.
भारतीय सेना ने कहा था कि उसने 6 और 7 मई की दरमियानी रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में "आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर निशाना लगाकर हमला किया है."
इसके बाद पाकिस्तान ने भी भारत पर ड्रोन हमले का दावा किया. भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले सशस्त्र संघर्ष के बाद आपसी सहमति से सीजफायर का एलान किया गया.
16 मई को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के भुज एयर फोर्स स्टेशन का दौरा किया था.
इस दौरान उन्होंने दावा किया "पाकिस्तान ने भारत द्वारा नष्ट किए गए अपने आतंकवादी ढाँचे का पुनर्निर्माण शुरू कर दिया है."
भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख जनरल वेद प्रकाश मलिक ने बीबीसी को एक इंटरव्यू में कहा था कि भारतीय सेना को 24 घंटे और अभियान चलाना चाहिए था.
इसका मतलब ये था कि भारत को अपने 'डिटरेंस' को और मज़बूत करना चाहिए था."
जनरल मलिक ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारतीय सेना का नेतृत्व किया था.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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