अगर आप सोचते हैं कि ओला इलेक्ट्रिक अभी भी इलेक्ट्रिक स्कूटर की दुनिया की बादशाह है, तो आपको ये ताजा रिपोर्ट चौंका सकती है. कभी नंबर-1 रहने वाली ओला अब इस रेस में तीसरे नंबर पर आ गई है! मई महीने में टीवीएस मोटर और बजाज ऑटो ने ओला को पीछे छोड़ते हुए मार्केट में पकड़ मजबूत कर ली है. जहां ओला की बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई, वहीं इन दिग्गज कंपनियों ने थोड़े कम वॉल्यूम के बावजूद अपनी मार्केट हिस्सेदारी बढ़ा ली है.
TVS मोटर अब 25% मार्केट शेयर के साथ पहले नंबर पर
कंपनी का मार्केट शेयर मई के पहले 26 दिनों में गिरकर 20% रह गया, जबकि अप्रैल में यह 22.1% था. इस दौरान ओला ने केवल 15,221 इलेक्ट्रिक स्कूटर्स रजिस्टर किए, जो मई 2024 के पूरे महीने में हुए 37,388 रजिस्ट्रेशन के मुकाबले लगभग 60% की भारी गिरावट है. ओला इस समय ऑपरेशनल और रेगुलेटरी चुनौतियों का सामना कर रही है, जिससे इसकी परफॉर्मेंस पर असर पड़ा है.
वहीं दूसरी ओर पारंपरिक ऑटो कंपनियों ने बाजी मार ली है. TVS मोटर अब 25% मार्केट शेयर के साथ पहले नंबर पर है, जबकि बजाज ऑटो ने 22.6% हिस्सेदारी के साथ दूसरा स्थान हासिल कर लिया है. हालांकि इनके रजिस्ट्रेशन नंबर में मामूली गिरावट आई है, लेकिन मार्केट शेयर में इजाफा हुआ है. एथर एनर्जी की बात करें तो इसकी हिस्सेदारी भी घटकर 13.1% रह गई है, जो अप्रैल में 14.9% थी. इसके वाहन रजिस्ट्रेशन भी घटकर 9,962 यूनिट्स पर आ गए, जो पिछले महीने 13,287 थे. कुल मिलाकर इस सेक्टर में अब पुराने दिग्गजों का दबदबा बढ़ता दिख रहा है, जबकि स्टार्टअप्स के लिए समय चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है. मार्केट में प्रतिस्पर्धा तेज है और आने वाले महीनों में स्थिति और दिलचस्प हो सकती है.
भाविश अग्रवाल के लक्ष्य से बहुत पीछे कंपनी
ओला के CEO भाविश अग्रवाल ने पहले कहा था कि अगर कंपनी हर महीने 50,000 गाड़ियां बेचे, तो उसका ऑटो बिजनेस फायदे में आ सकता है. लेकिन अब कंपनी इस लक्ष्य से बहुत पीछे है. ओला पर कई तरह की जांच भी चल रही हैं. बिक्री के आंकड़ों में गड़बड़ी, कुछ आउटलेट्स पर जरूरी कागजात न होना और वाहनों की क्वालिटी को लेकर शिकायतें इसकी वजह हैं. फरवरी में कंपनी ने दावा किया था कि उसने 25,000 गाड़ियां बेचीं, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में सिर्फ 8,652 रजिस्ट्रेशन दिखे. इससे सरकार की एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी. इसके अलावा कंपनी अपनी 'ओला' ब्रांड के मालिकाना हक को एक नई कंपनी में ट्रांसफर कर रही है, जो CEO के परिवार के कंट्रोल में है. कुछ पुराने निवेशक इस फैसले से खुश नहीं हैं.
कमजोर हो रही ओला की वित्तीय स्थिति
ओला ने एक बड़ी फैक्ट्री बनाने की भी योजना बनाई थी, जहां वह खुद की बैटरी सेल बनाएगी. इसके लिए उसने ₹1,200 करोड़ अलग रखे थे, लेकिन अब तक उसमें कोई खर्च नहीं हुआ है. वित्तीय स्थिति भी कमजोर हो रही है. अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच कंपनी को ₹564 करोड़ का घाटा हुआ और कमाई में भी करीब 19% की गिरावट आई. हालांकि, इन सबके बीच ओला अपनी नए प्रोडक्ट्स भी ला रही है, जैसे- इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल 'रोडस्टर X' और नई जेनरेशन के स्कूटर्स. इसका मकसद कस्टमर्स को वापस आकर्षित करना है.
TVS मोटर अब 25% मार्केट शेयर के साथ पहले नंबर पर
कंपनी का मार्केट शेयर मई के पहले 26 दिनों में गिरकर 20% रह गया, जबकि अप्रैल में यह 22.1% था. इस दौरान ओला ने केवल 15,221 इलेक्ट्रिक स्कूटर्स रजिस्टर किए, जो मई 2024 के पूरे महीने में हुए 37,388 रजिस्ट्रेशन के मुकाबले लगभग 60% की भारी गिरावट है. ओला इस समय ऑपरेशनल और रेगुलेटरी चुनौतियों का सामना कर रही है, जिससे इसकी परफॉर्मेंस पर असर पड़ा है.
वहीं दूसरी ओर पारंपरिक ऑटो कंपनियों ने बाजी मार ली है. TVS मोटर अब 25% मार्केट शेयर के साथ पहले नंबर पर है, जबकि बजाज ऑटो ने 22.6% हिस्सेदारी के साथ दूसरा स्थान हासिल कर लिया है. हालांकि इनके रजिस्ट्रेशन नंबर में मामूली गिरावट आई है, लेकिन मार्केट शेयर में इजाफा हुआ है. एथर एनर्जी की बात करें तो इसकी हिस्सेदारी भी घटकर 13.1% रह गई है, जो अप्रैल में 14.9% थी. इसके वाहन रजिस्ट्रेशन भी घटकर 9,962 यूनिट्स पर आ गए, जो पिछले महीने 13,287 थे. कुल मिलाकर इस सेक्टर में अब पुराने दिग्गजों का दबदबा बढ़ता दिख रहा है, जबकि स्टार्टअप्स के लिए समय चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है. मार्केट में प्रतिस्पर्धा तेज है और आने वाले महीनों में स्थिति और दिलचस्प हो सकती है.
भाविश अग्रवाल के लक्ष्य से बहुत पीछे कंपनी
ओला के CEO भाविश अग्रवाल ने पहले कहा था कि अगर कंपनी हर महीने 50,000 गाड़ियां बेचे, तो उसका ऑटो बिजनेस फायदे में आ सकता है. लेकिन अब कंपनी इस लक्ष्य से बहुत पीछे है. ओला पर कई तरह की जांच भी चल रही हैं. बिक्री के आंकड़ों में गड़बड़ी, कुछ आउटलेट्स पर जरूरी कागजात न होना और वाहनों की क्वालिटी को लेकर शिकायतें इसकी वजह हैं. फरवरी में कंपनी ने दावा किया था कि उसने 25,000 गाड़ियां बेचीं, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में सिर्फ 8,652 रजिस्ट्रेशन दिखे. इससे सरकार की एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी. इसके अलावा कंपनी अपनी 'ओला' ब्रांड के मालिकाना हक को एक नई कंपनी में ट्रांसफर कर रही है, जो CEO के परिवार के कंट्रोल में है. कुछ पुराने निवेशक इस फैसले से खुश नहीं हैं.
कमजोर हो रही ओला की वित्तीय स्थिति
ओला ने एक बड़ी फैक्ट्री बनाने की भी योजना बनाई थी, जहां वह खुद की बैटरी सेल बनाएगी. इसके लिए उसने ₹1,200 करोड़ अलग रखे थे, लेकिन अब तक उसमें कोई खर्च नहीं हुआ है. वित्तीय स्थिति भी कमजोर हो रही है. अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच कंपनी को ₹564 करोड़ का घाटा हुआ और कमाई में भी करीब 19% की गिरावट आई. हालांकि, इन सबके बीच ओला अपनी नए प्रोडक्ट्स भी ला रही है, जैसे- इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल 'रोडस्टर X' और नई जेनरेशन के स्कूटर्स. इसका मकसद कस्टमर्स को वापस आकर्षित करना है.
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