मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार ने मजबूती के साथ शुरुआत की, लेकिन जैसे-जैसे दिन बढ़ा, निवेशकों में सतर्कता का माहौल बनता गया और बाजार अपनी बढ़त गंवा बैठा। विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी-भारत व्यापार डील को लेकर अनिश्चितता और कमजोर ग्लोबल संकेतों के चलते बाजार सीमित दायरे में बना रह सकता है। निवेशकों की निगाहें अब कॉर्पोरेट तिमाही नतीजों पर टिकी हुई हैं, जिनके आधार पर शेयरों में चुनिंदा गतिविधि बनी रह सकती है।
गिफ्ट निफ्टी ने दिखाई तेजीएनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज पर गिफ्ट निफ्टी (पहले एसजीएक्स निफ्टी) 74.50 अंकों की तेजी के साथ 25,158.50 पर ट्रेड करता देखा गया, जिससे बुधवार को सकारात्मक शुरुआत के संकेत मिले। हालांकि टेक्निकल व्यू के अनुसार, बाजार अब भी समेकन (consolidation) के फेज़ में है और 25,260 के ऊपर ब्रेकआउट की आवश्यकता है। नीचे की ओर 24,900 का स्तर मजबूत सपोर्ट बना हुआ है।
अमेरिका और एशिया से मिले मिले-जुले संकेतमंगलवार को वॉल स्ट्रीट के शेयरों में मिश्रित रुझान देखने को मिला। जनरल मोटर्स के शेयरों में भारी गिरावट आई, वहीं टेस्ला में मजबूती रही। निवेशक कंपनियों के तिमाही नतीजों और अमेरिका की व्यापार नीति से जुड़ी खबरों पर नजर रखे हुए हैं। दूसरी ओर, एशियाई शेयरों में तेजी रही, खासकर जापान और ऑस्ट्रेलिया के बाजारों में। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जापान के साथ व्यापार समझौते की घोषणा के बाद इन बाजारों में उत्साह दिखा।
सोने की कीमत में उछाल, डॉलर कमजोरबुधवार को सोने की कीमत पांच हफ्तों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और ट्रेजरी यील्ड में गिरावट के कारण निवेशकों ने सेफ हैवन माने जाने वाले गोल्ड में रुचि दिखाई। वहीं, डॉलर ने येन के मुकाबले गिरावट दर्ज की, खासतौर पर जापान डील की खबर के बाद।
F&O बैन में तीन स्टॉक्समंगलवार को F&O सेगमेंट के तहत तीन स्टॉक्स, बंधन बैंक, आरबीएल बैंक और IEX, बैन में रहे, क्योंकि इन शेयरों में मार्केट-वाइड पोजीशन लिमिट 95% से ऊपर पहुंच गई थी।
एफआईआई-डीआईआई आंकड़ों में बड़ा अंतरविदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FII) ने मंगलवार को कुल 3,548 करोड़ रुपये के शेयरों की नेट बिकवाली की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 5,240 करोड़ रुपये की नेट खरीदारी की। यह आंकड़े बाजार में घरेलू निवेशकों की बढ़ती भागीदारी को दर्शाते हैं।
रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोरमंगलवार को रुपया शुरुआती बढ़त को गंवाते हुए अंत में 7 पैसे की कमजोरी के साथ 86.38 पर बंद हुआ। अमेरिका-भारत व्यापार डील की अनिश्चितता और डॉलर की मांग ने रुपये को दबाव में रखा।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं)
गिफ्ट निफ्टी ने दिखाई तेजीएनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज पर गिफ्ट निफ्टी (पहले एसजीएक्स निफ्टी) 74.50 अंकों की तेजी के साथ 25,158.50 पर ट्रेड करता देखा गया, जिससे बुधवार को सकारात्मक शुरुआत के संकेत मिले। हालांकि टेक्निकल व्यू के अनुसार, बाजार अब भी समेकन (consolidation) के फेज़ में है और 25,260 के ऊपर ब्रेकआउट की आवश्यकता है। नीचे की ओर 24,900 का स्तर मजबूत सपोर्ट बना हुआ है।
अमेरिका और एशिया से मिले मिले-जुले संकेतमंगलवार को वॉल स्ट्रीट के शेयरों में मिश्रित रुझान देखने को मिला। जनरल मोटर्स के शेयरों में भारी गिरावट आई, वहीं टेस्ला में मजबूती रही। निवेशक कंपनियों के तिमाही नतीजों और अमेरिका की व्यापार नीति से जुड़ी खबरों पर नजर रखे हुए हैं। दूसरी ओर, एशियाई शेयरों में तेजी रही, खासकर जापान और ऑस्ट्रेलिया के बाजारों में। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जापान के साथ व्यापार समझौते की घोषणा के बाद इन बाजारों में उत्साह दिखा।
सोने की कीमत में उछाल, डॉलर कमजोरबुधवार को सोने की कीमत पांच हफ्तों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और ट्रेजरी यील्ड में गिरावट के कारण निवेशकों ने सेफ हैवन माने जाने वाले गोल्ड में रुचि दिखाई। वहीं, डॉलर ने येन के मुकाबले गिरावट दर्ज की, खासतौर पर जापान डील की खबर के बाद।
F&O बैन में तीन स्टॉक्समंगलवार को F&O सेगमेंट के तहत तीन स्टॉक्स, बंधन बैंक, आरबीएल बैंक और IEX, बैन में रहे, क्योंकि इन शेयरों में मार्केट-वाइड पोजीशन लिमिट 95% से ऊपर पहुंच गई थी।
एफआईआई-डीआईआई आंकड़ों में बड़ा अंतरविदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FII) ने मंगलवार को कुल 3,548 करोड़ रुपये के शेयरों की नेट बिकवाली की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 5,240 करोड़ रुपये की नेट खरीदारी की। यह आंकड़े बाजार में घरेलू निवेशकों की बढ़ती भागीदारी को दर्शाते हैं।
रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोरमंगलवार को रुपया शुरुआती बढ़त को गंवाते हुए अंत में 7 पैसे की कमजोरी के साथ 86.38 पर बंद हुआ। अमेरिका-भारत व्यापार डील की अनिश्चितता और डॉलर की मांग ने रुपये को दबाव में रखा।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं)
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