जैसे ही शेयर बाजार अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है, वैसे ही यह जरूरी हो जाता है कि निवेशक हर सेक्टर की कंपनियों के अनुमानित रिटर्न पर नजर डालें, जिसे एनालिस्ट्स आंकते हैं. एक ही सेक्टर में अलग-अलग कंपनियों के रिटर्न अनुमान में काफी अंतर देखने को मिल रहा है. इसका मतलब यह हो सकता है कि कुछ अच्छी खबरें पहले से ही स्टॉक्स की कीमतों में शामिल हो चुकी हैं. कुछ सेक्टरों में स्टॉक्स की कीमतें पहले ही बहुत तेजी से ऊपर गई हैं और अब वे अपने पहले के अनुमानित टारगेट के करीब पहुंच चुकी हैं. इन कंपनियों के रिटर्न अनुमान अब तभी सुधरेंगे, जब Q1 के नतीजे सामने आएंगे. यहां हम पावर सेक्टर पर नजर डालेंगे. एक ऐसा सेक्टर जहां यह बदलाव साफ दिख रहा है. अगर फिलहाल इस सेक्टर को लेकर बाजार में थोड़ी उम्मीद है, तो वह जायज है. चलिए पांच स्टॉक्स बताते हैं.
पावर सेक्टर में हुआ है सुधार
जब आप पावर कंपनियों की बैलेंस शीट देखेंगे, तो पाएंगे कि बीते कुछ वर्षों में उनकी स्थिति में सुधार हुआ है. कर्ज भले ही थोड़ा ज्यादा हो, लेकिन यह इस कारोबार की प्रकृति का हिस्सा है. अच्छी बात यह है कि अब उनकी कमाई के सोर्स मजबूत हो चुके हैं और कंपनियां अपने कर्ज को चुकाने की स्थिति में हैं.
इसलिए यह काफी संभव है कि जो पावर कंपनियां पिछले तीन सालों में दोबारा उठ खड़ी हुई हैं, उन्हें अब फिर से आंकने की जरूरत है क्योंकि उनके आंकड़े भी बेहतर हो रहे हैं.
हालांकि, जब कोई सेक्टर बहुत तेजी से रेटिंग में ऊपर आता है, तो यह सवाल उठता है कि कहीं स्टॉक्स ज्यादा तेजी से तो नहीं चढ़ गए? और यह डर उस समय और बढ़ जाता है जब पूरा बाजार अभी-अभी करेक्शन से निकला हो.
दूसरी तरफ, कुछ सेक्टर ऐसे होते हैं जो बहुत गहरे संकट से निकलते हैं और उन्हें वापसी में समय लगता है. लेकिन जब वापसी होती है, तो वह बहुत मजबूत होती है. पावर सेक्टर की कंपनियों के साथ भी शायद ऐसा ही हो रहा है.
एक और बात ध्यान में रखनी चाहिए. यह सेक्टर 2008 से 2014 के बीच मुश्किल दौर से गुजरा है, लेकिन पिछले एक दशक से इसमें सुधार जारी है. इसमें काफी हद तक सरकार की नीतियों का भी योगदान रहा है, जिसने सिस्टम को ठीक किया और कंपनियों के कामकाज को बेहतर बनाया.
इस दौरान इस सेक्टर ने खुद को बदला भी है. अब ज्यादातर कंपनियों के पास सब्सिडियरी या जॉइंट वेंचर्स हैं जो क्लीन एनर्जी क्षेत्र में काम कर रहे हैं. आने वाले तिमाहियों और वर्षों में इसका असर उनकी कमाई पर जरूर दिखेगा.
चेतावनीलेकिन एक चेतावनी भी है. इस सेक्टर में कोई भी बदलाव लाने के लिए बहुत भारी निवेश की जरूरत होती है और इस बदलाव की गति धीमी होती है, जिसे बाजार तुरंत पसंद नहीं करता.
आज की लिस्ट में उन पावर कंपनियों को शामिल किया गया है जिनमें 29% तक का उछाल आ सकता है. ये डेटा Stock Reports Plus की 23 जुलाई 2025 की रिपोर्ट से लिया गया है और इसमें यह भी बताया गया है कि हर कंपनी को कितने एनालिस्ट्स कवर कर रहे हैं.
पावर सेक्टर के पांच पावरफुल स्टॉक्स CESC
JSW Energy
NLC India
NTPC
Tata Power Company
डिस्क्लेमर: इसमें बताए गए विचार, स्कोर, रिसर्च या निवेश से जुड़ी सलाह इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी या उसके मैनेजमेंट की राय नहीं है. ये जानकारी अलग-अलग बाहरी सोर्स से ली गई है. इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी इस बात की गारंटी नहीं देता कि यहां दी गई जानकारी पूरी तरह सही या पूरी है. अगर आप इस जानकारी के आधार पर कोई फैसला लेते हैं और उससे आपको नुकसान होता है, तो उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी. यहां दी गई जानकारी सिर्फ आपको समझाने और जानकारी देने के लिए है, इसे निवेश की सलाह मत मानिए. किसी भी निवेश का फैसला लेने से पहले किसी भरोसेमंद और योग्य एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें
पावर सेक्टर में हुआ है सुधार
जब आप पावर कंपनियों की बैलेंस शीट देखेंगे, तो पाएंगे कि बीते कुछ वर्षों में उनकी स्थिति में सुधार हुआ है. कर्ज भले ही थोड़ा ज्यादा हो, लेकिन यह इस कारोबार की प्रकृति का हिस्सा है. अच्छी बात यह है कि अब उनकी कमाई के सोर्स मजबूत हो चुके हैं और कंपनियां अपने कर्ज को चुकाने की स्थिति में हैं.
इसलिए यह काफी संभव है कि जो पावर कंपनियां पिछले तीन सालों में दोबारा उठ खड़ी हुई हैं, उन्हें अब फिर से आंकने की जरूरत है क्योंकि उनके आंकड़े भी बेहतर हो रहे हैं.
हालांकि, जब कोई सेक्टर बहुत तेजी से रेटिंग में ऊपर आता है, तो यह सवाल उठता है कि कहीं स्टॉक्स ज्यादा तेजी से तो नहीं चढ़ गए? और यह डर उस समय और बढ़ जाता है जब पूरा बाजार अभी-अभी करेक्शन से निकला हो.
दूसरी तरफ, कुछ सेक्टर ऐसे होते हैं जो बहुत गहरे संकट से निकलते हैं और उन्हें वापसी में समय लगता है. लेकिन जब वापसी होती है, तो वह बहुत मजबूत होती है. पावर सेक्टर की कंपनियों के साथ भी शायद ऐसा ही हो रहा है.
एक और बात ध्यान में रखनी चाहिए. यह सेक्टर 2008 से 2014 के बीच मुश्किल दौर से गुजरा है, लेकिन पिछले एक दशक से इसमें सुधार जारी है. इसमें काफी हद तक सरकार की नीतियों का भी योगदान रहा है, जिसने सिस्टम को ठीक किया और कंपनियों के कामकाज को बेहतर बनाया.
इस दौरान इस सेक्टर ने खुद को बदला भी है. अब ज्यादातर कंपनियों के पास सब्सिडियरी या जॉइंट वेंचर्स हैं जो क्लीन एनर्जी क्षेत्र में काम कर रहे हैं. आने वाले तिमाहियों और वर्षों में इसका असर उनकी कमाई पर जरूर दिखेगा.
चेतावनीलेकिन एक चेतावनी भी है. इस सेक्टर में कोई भी बदलाव लाने के लिए बहुत भारी निवेश की जरूरत होती है और इस बदलाव की गति धीमी होती है, जिसे बाजार तुरंत पसंद नहीं करता.
आज की लिस्ट में उन पावर कंपनियों को शामिल किया गया है जिनमें 29% तक का उछाल आ सकता है. ये डेटा Stock Reports Plus की 23 जुलाई 2025 की रिपोर्ट से लिया गया है और इसमें यह भी बताया गया है कि हर कंपनी को कितने एनालिस्ट्स कवर कर रहे हैं.
पावर सेक्टर के पांच पावरफुल स्टॉक्स CESC
- रेटिंग: 9 (Buy)
- एनालिस्ट की संख्या: 10
- संभावित रिटर्न: 14%
- इंस्टिट्यूशनल हिस्सेदारी: 76.0%
- मार्केट कैप कैटेगरी: लार्ज कैप
- मार्केट कैप: ₹23,575 करोड़
- रेवेन्यू (₹ करोड़):
- FY18: 10,559
- FY19: 10,888
- FY23: 14,555
- FY24: 15,544
- 9M FY25: 13,124
JSW Energy
- रेटिंग: 5 (Buy)
- एनालिस्ट की संख्या: 15
- संभावित रिटर्न: 12%
- इंस्टिट्यूशनल हिस्सेदारी: 18.3%
- मार्केट कैप कैटेगरी: लार्ज कैप
- मार्केट कैप: ₹92,833 करोड़
- रेवेन्यू (₹ करोड़):
- FY18: 8,514
- FY19: 9,506
- FY23: 10,867
- FY24: 11,941
- 9M FY25: 8,556
NLC India
- रेटिंग: 9 (Strong Buy)
- एनालिस्ट की संख्या: 2
- संभावित रिटर्न: 29%
- इंस्टिट्यूशनल हिस्सेदारी: 14.9%
- मार्केट कैप कैटेगरी: लार्ज कैप
- मार्केट कैप: ₹33,446 करोड़
- रेवेन्यू (₹ करोड़):
- FY18: 11,864
- FY19: 10,778
- FY23: 17,383
- FY24: 13,946
- 9M FY25: 11,445
NTPC
- रेटिंग: 8 (Buy)
- एनालिस्ट की संख्या: 23
- संभावित रिटर्न: 24%
- इंस्टिट्यूशनल हिस्सेदारी: 36.8%
- मार्केट कैप कैटेगरी: लार्ज कैप
- मार्केट कैप: ₹3,30,511 करोड़
- रेवेन्यू (₹ करोड़):
- FY18: 92,448
- FY19: 1,01,762
- FY23: 1,76,691
- FY24: 1,82,045
- 9M FY25: 1,38,270
Tata Power Company
- रेटिंग: 9 (Hold)
- एनालिस्ट की संख्या: 20
- संभावित रिटर्न: 6%
- इंस्टिट्यूशनल हिस्सेदारी: 19.5%
- मार्केट कैप कैटेगरी: लार्ज कैप
- मार्केट कैप: ₹1,27,494 करोड़
- रेवेन्यू (₹ करोड़):
- FY18: 27,274
- FY19: 30,300
- FY23: 56,577
- FY24: 63,273
- 9M FY25: 48,382
डिस्क्लेमर: इसमें बताए गए विचार, स्कोर, रिसर्च या निवेश से जुड़ी सलाह इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी या उसके मैनेजमेंट की राय नहीं है. ये जानकारी अलग-अलग बाहरी सोर्स से ली गई है. इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी इस बात की गारंटी नहीं देता कि यहां दी गई जानकारी पूरी तरह सही या पूरी है. अगर आप इस जानकारी के आधार पर कोई फैसला लेते हैं और उससे आपको नुकसान होता है, तो उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी. यहां दी गई जानकारी सिर्फ आपको समझाने और जानकारी देने के लिए है, इसे निवेश की सलाह मत मानिए. किसी भी निवेश का फैसला लेने से पहले किसी भरोसेमंद और योग्य एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें
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