नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज केरल और आंध्र प्रदेश के दौरे पर है. आज यानी 2 मई को मोदी केरल में 8,900 करोड़ रुपये की लागत वाले 'विझिंजम इंटरनेशनल डीपवाटर मल्टीपर्पज बंदरगाह' का उद्घाटन करेंगे. बता दें कि यह देश का पहला समर्पित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है, जो विकसित भारत के समुद्री क्षेत्र में की जा रही परिवर्तनकारी प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है. सुरेश बाबू ने क्या कहा विझिंजम इंटरनेशनल सी-पोर्ट लिमिटेड के CEO ए एस सुरेश बाबू ने ANI से बातचीत में कहा, '2014 में, चौथा टेंडर जारी किया गया था और करीब पांच प्रमुख कंपनियों ने उस टेंडर में क्वालिफाई किया था. उनमें से केवल तीन ने ही टेंडर दस्तावेज खरीदे.'सुरेश ने कहा, 'आखिरकार, अदाणी ने प्राइस बिड सबमिट किया और सितंबर 2015 में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए' उन्होंने कहा, "ये बहुत अच्छी बात है कि हमें यहां एक अंतरराष्ट्रीय ट्रांसशिपमेंट पोर्ट मिल रहा है. ये भारत के लिए एक परियोजना है और अदाणी रियायत पाने वाला होने के नाते, मुझे यकीन है कि उनकी विशेषज्ञता के साथ, वे अच्छा काम कर पाएंगे'. भारत को ट्रांसशिपमेंट पोर्ट की जरूरत ?देश में गहरे पानी के कंटेनर ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह की कमी है. अभी भारत का 75% ट्रांसशिपमेंट कार्गो विदेश के बंदरगाहों पर संभाला जाता है.भारत का 75% ट्रांसशिपमेंट कार्गो अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों पर संभाला जाता है. भारतीय निर्यातकों/आयातकों को देश के अंदर ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल की कमी के कारण हर कंटेनर 80-100 डॉलर की अतिरिक्त लागत का सामना करना पड़ रहा है.
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