नई दिल्ली: सोमवार को मेटल सेक्टर की पीएसयू कंपनी Hindustan Copper Ltd के स्टॉक में तेज़ी देखने को मिल रही है. स्टॉक में सोमवार को 2 प्रतिशत से ज़्यादा की तेज़ी देखी गई, जिससे स्टॉक ने 285 रुपये के अपने इंट्राडे हाई लेवल को टच किया. ख़बर लिखे जाने तक कंपनी के शेयर 1.46 प्रतिशत की तेज़ी के साथ 280 रुपये के लेवल पर ट्रेड कर रहे थे. यह तेज़ी तब देखने को मिल रही है जब कंपनी ने बताया है कि उसने पीएसयू कंपनी इंडियन ऑयल के साथ एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग साइन किया है.
मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग
सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने तांबा और अन्य महत्वपूर्ण खनिज खनन ब्लॉकों के लिए बोली लगाने के साथ-साथ संबंधित गतिविधियों में एक साथ काम करने के लिए एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर साइन किए हैं.
रविवार, 29 जून को, हिंदुस्तान कॉपर ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि इंडियन ऑयल के साथ समझौता केवल खनिज ब्लॉकों पर बोली लगाने के लिए नहीं है, बल्कि खनन कार्यों को विकसित करने और शुरू करने के लिए मिलकर काम करने के लिए भी है. इसमें खनिजों की खोज, खनन गतिविधियाँ करना और निकाले गए खनिजों की प्रोसेसिंग करना शामिल है. दोनों कंपनियां खनिज को खोजने से लेकर उसके फाइनल प्रोसेसिंग तक परियोजना के सभी चरणों में शामिल जोखिमों और जिम्मेदारियों को भी साझा करेंगी.
स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में यह भी कहा गया है कि समझौते (एमओयू) का उद्देश्य दोनों कंपनियों को हिंदुस्तान कॉपर के मौजूदा संसाधनों से खनिजों के विकास, खनन और प्रोसेसिंग में शामिल लागत और जोखिम को साझा करने की अनुमति देना है. हालांकि, यह भी स्पष्ट किया गया कि यह एमओयू कानूनी रूप से बाध्यकारी कॉन्ट्रैक्ट नहीं है.
इस महीने की शुरुआत में, हिंदुस्तान कॉपर ने कहा था कि वह अगले 5 से 6 सालों में लगभग 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रहा है. इसका लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2031 तक अपनी खनन क्षमता को मौजूदा 4 मिलियन टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 12.2 मिलियन टन प्रति वर्ष करना है.
हिंदुस्तान कॉपर ने कहा कि अपनी भावी विकास योजनाओं के तहत वह खनिज ब्लॉक नीलामी में भाग लेकर भारत तथा अन्य देशों में अच्छी तांबा खनन परिसंपत्तियां खरीदने की योजना बना रही है.
6 जून को, हिंदुस्तान कॉपर ने महत्वपूर्ण या दुर्लभ खनिजों सहित मेटल और मिनरल के लिए एक तेज, विश्वसनीय और पर्यावरण अनुकूल सप्लाई चैन बनाने पर मिलकर काम करने के लिए राइट्स लिमिटेड के साथ एक समझौते (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए है.
शेयर परफॉर्मेंस
पिछले एक साल में तो यह स्टॉक 13 प्रतिशत तक गिरा है. लेकिन पिछले 5 साल में इस स्टॉक ने निवेशकों को 747 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. स्टॉक का 52 वीक हाई लेवल 353 रुपये है तो स्टॉक का 52 वीक लो लेवल 183 रुपये का है. इसका मतलब यह है कि स्टॉक अपने 52 वीक लो लेवल से 54 प्रतिशत की तेज़ी दिखा चुका है.
मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग
सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने तांबा और अन्य महत्वपूर्ण खनिज खनन ब्लॉकों के लिए बोली लगाने के साथ-साथ संबंधित गतिविधियों में एक साथ काम करने के लिए एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर साइन किए हैं.
रविवार, 29 जून को, हिंदुस्तान कॉपर ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि इंडियन ऑयल के साथ समझौता केवल खनिज ब्लॉकों पर बोली लगाने के लिए नहीं है, बल्कि खनन कार्यों को विकसित करने और शुरू करने के लिए मिलकर काम करने के लिए भी है. इसमें खनिजों की खोज, खनन गतिविधियाँ करना और निकाले गए खनिजों की प्रोसेसिंग करना शामिल है. दोनों कंपनियां खनिज को खोजने से लेकर उसके फाइनल प्रोसेसिंग तक परियोजना के सभी चरणों में शामिल जोखिमों और जिम्मेदारियों को भी साझा करेंगी.
स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में यह भी कहा गया है कि समझौते (एमओयू) का उद्देश्य दोनों कंपनियों को हिंदुस्तान कॉपर के मौजूदा संसाधनों से खनिजों के विकास, खनन और प्रोसेसिंग में शामिल लागत और जोखिम को साझा करने की अनुमति देना है. हालांकि, यह भी स्पष्ट किया गया कि यह एमओयू कानूनी रूप से बाध्यकारी कॉन्ट्रैक्ट नहीं है.
इस महीने की शुरुआत में, हिंदुस्तान कॉपर ने कहा था कि वह अगले 5 से 6 सालों में लगभग 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रहा है. इसका लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2031 तक अपनी खनन क्षमता को मौजूदा 4 मिलियन टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 12.2 मिलियन टन प्रति वर्ष करना है.
हिंदुस्तान कॉपर ने कहा कि अपनी भावी विकास योजनाओं के तहत वह खनिज ब्लॉक नीलामी में भाग लेकर भारत तथा अन्य देशों में अच्छी तांबा खनन परिसंपत्तियां खरीदने की योजना बना रही है.
6 जून को, हिंदुस्तान कॉपर ने महत्वपूर्ण या दुर्लभ खनिजों सहित मेटल और मिनरल के लिए एक तेज, विश्वसनीय और पर्यावरण अनुकूल सप्लाई चैन बनाने पर मिलकर काम करने के लिए राइट्स लिमिटेड के साथ एक समझौते (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए है.
शेयर परफॉर्मेंस
पिछले एक साल में तो यह स्टॉक 13 प्रतिशत तक गिरा है. लेकिन पिछले 5 साल में इस स्टॉक ने निवेशकों को 747 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. स्टॉक का 52 वीक हाई लेवल 353 रुपये है तो स्टॉक का 52 वीक लो लेवल 183 रुपये का है. इसका मतलब यह है कि स्टॉक अपने 52 वीक लो लेवल से 54 प्रतिशत की तेज़ी दिखा चुका है.
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