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गौमूत्र और घी के अद्भुत लाभ: स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान

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गौमूत्र और घी का उपयोग

यदि बच्चों को बार-बार सर्दी जुकाम हो रहा है और उनकी नाक बह रही है, तो वागभट्ट जी का सुझाव है कि एक-एक बूँद गौ का घी नाक में डालने से यह समस्या दूर हो जाएगी।


अगर नींद में परेशानी हो रही है या गहरी नींद की आवश्यकता है, तो नाक में गौ का घी डालकर सोने से गहरी नींद आएगी। खराटे की समस्या से निजात पाने के लिए भी यही उपाय करें। तीन दिन के भीतर खराटे बंद हो जाएंगे।


बालों के झड़ने की समस्या से निपटने के लिए गाय के दूध से दही बनाएं और उसे तांबे के बर्तन में 5-6 दिन रखें। हरे रंग की दही को बालों में लगाएं और एक घंटे बाद शिकाकाई से धो लें। सप्ताह में चार बार करने से बालों का टूटना रुक जाएगा।


बच्चों की पसलियों में बलगम जमा होने पर एक चम्मच गौ मूत्र देने से बलगम बाहर आ जाएगा। बड़े लोग आधे कप तक पी सकते हैं।


गौमूत्र किडनी और मूत्र संबंधी रोगों के लिए भी लाभकारी है। पेशाब में जलन या लाल रंग की समस्या होने पर गौमूत्र का सेवन करें।


कब्जियत की समस्या में तीन दिन तक आधा कप गौमूत्र पीने से पेट साफ हो जाएगा।


गौमूत्र का उपयोग वात, पित्त और कफ के रोगों में भी किया जा सकता है। पित्त के रोगियों को गौ का घी अधिक मात्रा में लेना चाहिए।


सफेद दाद या धब्बों के लिए गौमूत्र का उपयोग करें। आँखों के नीचे डार्क सर्किल्स के लिए भी यह फायदेमंद है।


वागभट्ट जी के अनुसार, आँखों की समस्याओं जैसे मोतियाबिंद और ग्लूकोमा का इलाज गौमूत्र से संभव है। इसे आँखों में डालने से चश्मे का नंबर बदल सकता है।


बच्चों के कानों से मवाद निकलने पर 2-3 दिन तक एक-एक बूँद गौमूत्र डालने से यह समस्या भी हल हो जाएगी।


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