क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे पूर्वज प्याज को फोड़कर क्यों खाते थे? इसका कारण यह है:
प्याज का उपयोग भारत में पिछले 5000 वर्षों से किया जा रहा है और अब यह विश्वभर में लोकप्रिय है। प्याज को काटने पर उसमें मौजूद रासायनिक तत्व तेजी से प्रतिक्रिया करते हैं, जो अन्य खाद्य पदार्थों में नहीं होता। प्याज में सल्फर की उच्च मात्रा होती है, जिससे सल्फ्युरिक अम्ल (H2SO4) बनता है, जो एक अत्यंत शक्तिशाली अम्ल है। यह अम्ल अधिकांश धातुओं के साथ क्रिया कर सकता है, सिवाय सोने और प्लेटिनम के।
इसके अलावा, प्याज की हर परत पर एक झिल्ली होती है, जो काटने पर टूट जाती है। इसलिए, प्याज को किसी धातु से काटना सही नहीं है। इसे फोड़कर खाना अधिक फायदेमंद है।
प्याज की बाहरी परतों में सल्फर युक्त तत्व अधिक होते हैं, जबकि अंदर कम। Wageningen विश्वविद्यालय, नीदरलैंड्स के अनुसार, प्याज के अंदर पाया जाने वाला quercetin एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट है, जो उम्र को रोकने में मदद करता है और विटामिन ई का अच्छा स्रोत है। यह चाय और सेब में भी पाया जाता है, लेकिन प्याज में इसकी मात्रा अधिक होती है।
स्विट्जरलैंड के Bern विश्वविद्यालय ने चूहों पर अध्ययन किया, जिसमें पाया गया कि प्याज खाने से उनकी हड्डियाँ 17% तक मजबूत हो गईं। प्याज का मध्य भाग पेट के अल्सर और हृदय रोगों के लिए लाभकारी है। प्याज पर एक पूरी किताब लिखी जा सकती है, लेकिन आज के लिए इतना ही।
इसलिए, प्याज को कभी भी काटकर सलाद में शामिल न करें। इसे फोड़कर खाने से आपको स्वास्थ्य लाभ मिलेंगे और आंसू भी नहीं आएंगे। हमारे पूर्वज प्याज को फोड़कर या सीधे हरे पत्ते वाले प्याज को खाते थे, जैसे हम सेब और अमरूद खाते हैं।
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