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भारत में रोटी बनाने के लिए 5 अशुभ दिन

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रोटी का महत्व और अशुभ दिन

भारत में रोटी को भोजन का एक अनिवार्य हिस्सा माना जाता है। इसके बिना भोजन अधूरा लगता है, और इसे खाए बिना पेट भी नहीं भरता। इसलिए, अधिकांश लोग इसे रोज बनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ खास अवसरों पर रोटी बनाना अशुभ माना जाता है? एकादशी पर चावल न बनाने का नियम तो आपने सुना होगा, लेकिन यहां हम उन 5 दिनों के बारे में बताएंगे जब रोटी बनाना वर्जित है। इन दिनों रोटी बनाने पर मां अन्नपूर्णा नाराज हो सकती हैं।


शरद पूर्णिमा

शास्त्रों के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं में पूर्ण होता है। इस दिन खीर बनाने की परंपरा है, जिसे चांद की रोशनी में रखा जाता है। ऐसा करने से खीर में अमृत का प्रभाव माना जाता है। इसे चांद की रोशनी में दिखाने के बाद अगले दिन खाया जाता है। इस दिन रोटी बनाना अशुभ माना जाता है।


शीतलाष्टमी image

शीतलाष्टमी के दिन मां शीतला की पूजा की जाती है। इस दिन बासी भोजन का भोग लगाया जाता है, और भक्त भी बासी खाना ही खाते हैं। इस दिन ताजा भोजन, जैसे रोटी, बनाना वर्जित है। यदि आप इस दिन ताजा रोटी बनाते हैं, तो मां शीतला नाराज हो सकती हैं।


परिवार में किसी की मृत्यु image

जब परिवार में किसी सदस्य का निधन होता है, तो उस दिन रोटी और अन्य भोजन नहीं बनाया जाता। 13वां करने के बाद ही रोटी बनाई जा सकती है। इससे पहले रोटी बनाना अपशगुन माना जाता है। इस दौरान आस-पड़ोस के लोग और रिश्तेदार खाने का प्रबंध करते हैं।


मां लक्ष्मी के त्योहार image

दिवाली और मां लक्ष्मी से जुड़े सभी त्योहारों पर रोटी नहीं बनानी चाहिए। इस दिन विशेष पकवान बनाने का महत्व होता है, जैसे पूरी-हलवा। रोटी बनाने से यह माना जाता है कि आप मां लक्ष्मी के आगमन से प्रसन्न नहीं हैं, जिससे माता का आशीर्वाद नहीं मिलता।


नागपंचमी image

नागपंचमी के दिन नाग देवताओं की पूजा की जाती है। इस दिन रसोई में तवा नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इसे नाग के फन का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, इस दिन रोटी बनाना वर्जित है। हालांकि, आप पतीले में अन्य व्यंजन बना सकते हैं, जैसे कुछ क्षेत्रों में दाल बाटी का चलन है।


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