आम का मौसम नजदीक आ रहा है और आम प्रेमियों के लिए एक नई जानकारी सामने आई है। जब आप आम खरीदने जाएंगे, तो आपको एक छोटा सा कदम उठाना होगा, जिससे आप जान सकेंगे कि यह आम किस प्रजाति का है और इसका मालिक कौन है। इसके साथ ही, यह भी पता चलेगा कि आम किस बाग से लिया गया है। इस प्रक्रिया से आप अपने पसंदीदा आम का सही चयन कर सकेंगे।
धोखाधड़ी से बचने के लिए क्यूआर कोड का उपयोग किया जाएगा। रिपोर्टों के अनुसार, यह तकनीक मलीहाबादी आमों पर लागू होगी, जो देश में सबसे अधिक मांग में हैं। कई बार लोग मलीहाबादी आम का नाम लेकर अन्य प्रजातियों को बेच देते हैं, जो वास्तव में मलीहाबादी नहीं होते। इस धोखे से बचने के लिए क्यूआर कोड का सहारा लिया जाएगा।
इस तकनीक का लाभ यह है कि जैसे ही आप क्यूआर कोड स्कैन करेंगे, आपको यह जानकारी मिलेगी कि यह मलीहाबादी आम है या नहीं। यदि यह मलीहाबादी आम है, तो आपको यह भी पता चलेगा कि यह किस बाग का है और उस बाग का मालिक कौन है। रिपोर्टों में बताया गया है कि आम के पेड़ों की जियो टैगिंग के माध्यम से यह संभव होगा। मंडी परिषद ने मलिहाबाद स्थित मैंगो पैक हाउस को इस कार्य के लिए एक निजी कंपनी को नियुक्त किया है।
मलीहाबादी आम की पहचान के लिए आम पर कवर लगाए जा रहे हैं, ताकि उनमें दाग-धब्बे न लगें। सीआईएसएच में 10 मई को किसानों के साथ बैठक होगी, जिसमें जियो टैगिंग पर चर्चा की जाएगी। इस तकनीक के माध्यम से मलीहाबादी आम की पहचान की जा सकेगी। आम की पेटी पर क्यूआर कोड होगा, जिसे मोबाइल से स्कैन करते ही जानकारी प्राप्त होगी। वर्तमान में, कंपनी मलीहाबाद के बागों में जियो टैगिंग का कार्य कर रही है।
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