बिहार के पटना में पारस अस्पताल के अंदर चंदन मिश्रा मर्डर केस में नई जानकारी सामने आई है. पुलिस की मानें तो आरोपी निशु खान ने ही चंदन मिश्रा की हत्या की सुपारी ली थी. उसने ही जेल में बंद कुख्यात शेरू से डील की थी. उसके बाद तौसीफ उर्फ बादशाह समेत दूसरे शूटर्स को मर्डर की सुपारी सौंपी गई थी. निशु खान ने शूटर्स के लिए प्लानिंग करने के साथ साथ ही उन्हें दूसरी तमाम मदद पहुंचाई थी.
फिलहाल निशु को पहले से गोली लगी है. जानकारी के मुताबिक, चंदन मिश्रा हत्या कांड का मुख्य शूटर तौसीफ ने अपने नाम के आगे बादशाह लगाया था. उसी तरह निशु खान अपने नाम नाम के आगे भाईजान लगता था. तौसीफ उर्फ बादशाह बिहार का नंबर वन डॉन बनना चाहता था.
समनपुरा के निशु खान से उसके पुराने रिश्ते थे. निशु खान उर्फ भाईजान विधायक बनना चाहता था. वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर खुद को भावी विधायक बताते हुए रील पोस्ट करता था. निशु खान ने पॉलीटिकल कनेक्शन भी बनाए थे, ताकि विधायक बनने का उसका सपना पूरा हो सके. फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ करने में लगी है. निशु खान से पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं.
कौन है निशु खान?
समनपुरा का रहने वाला निशु खान, इलाके में कभी समाजसेवक, तो कभी जमीन माफिया के नाम से जाना जाता रहा है. मगर चंदन मिश्रा हत्याकांड ने इस शख्स की असल पहचान सामने लाकर रख दी है. एक ऐसा शातिर दिमाग जिसने साजिश की जमीन तैयार की, कातिलों को पनाह दी, और खुद फरार होकर कोलकाता में जा बसा. सूत्रों की मानें तो चंदन मिश्रा की हत्या महज एक गोलीबारी नहीं थी ये एक रची बसाई साजिश थी, जिसकी स्क्रिप्ट पुरुलिया जेल में बंद गैंगस्टर शेरू सिंह ने लिखी थी.
शेरू-चंदन की दोस्ती
शेरू और चंदन कभी जुर्म की दुनिया के जय-वीरू थे. 2009 में अनिल की हत्या फिर 2011 में राजेंद्र केसरी और हैदर अली जैसे हत्याकांडों में दोनों का नाम आतंक का पर्याय बन गया था. पर जैसे ही तनिष्क ज्वेलरी लूट की रकम पर मतभेद हुआ, दोस्ती का रिश्ता टूट गया. दुश्मनी की ऐसी आग भड़की कि शेरू ने जेल से ही तौसीफ बादशाह को चंदन को मारने की सुपारी दे डाली. हत्या की डील 10 लाख रुपये में तय हुई थी.
चंदन मिश्रा की हत्या
तौसीफ, जो पहले से बेऊर जेल में शेरू से मिल चुका था, उसे पारस हॉस्पिटल की पूरी जानकारी थी. हत्या से तीन दिन पहले तौसीफ अपने चार शूटरों- मोनू सिंह और बलवंत सिंह सहित दो अन्य के साथ निशु खान के घर पहुंचा. निशु, तौसीफ का रिश्तेदार भी है और उसका घर पारस हॉस्पिटल के पास भी है. 17 जुलाई की सुबह सात बजे, पांचों कातिल पारस हॉस्पिटल में दाखिल हुए और कमरा नंबर 209 में चंदन मिश्रा को गोलियों से छलनी कर दिया. सीसीटीवी फुटेज में तौसीफ को बाकायदा शूटरों को इशारा करते हुए देखा गया. फिर ये सभी शूटर भाग गए.
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