क्या आपको कभी ऐसा महसूस होता है कि आपके जॉइंट्स धीरे-धीरे जकड़ रहे हैं? चलने-फिरने में दिक्कत होती है, उठने-बैठने पर दर्द बढ़ जाता है और कभी-कभी लगता है जैसे नसों में ब्लॉकेज आ गया हो?
आयुर्वेद में कहा गया है कि जब वात दोष (Air element imbalance) बढ़ता है तो शरीर के रास्ते जम जाते हैं। इसी से जॉइंट्स में दर्द, स्टिफनेस, नसों में ब्लॉकेज और मसल्स की थकान महसूस होती है।
लेकिन खुशखबरी ये है कि इसका हल बेहद आसान है। आयुर्वेद में एक सिंपल 5-स्टेप प्रोसेस बताया गया है। रोजाना सिर्फ 20-25 मिनट इसे फॉलो कीजिए और आप खुद फर्क महसूस करेंगे — जॉइंट्स हल्के होंगे, फ्लेक्सिबिलिटी वापस आएगी और शरीर फिर से एनर्जेटिक लगेगा।
Step 1: ऑयल मसाज (स्नेह देना)
- जब वात बढ़ता है तो शरीर सूख जाता है, इसलिए तेल इसका सबसे बड़ा इलाज है।
- इस्तेमाल करें: महानारायण तेल नारायण तेल या रोगन सुर्ख (यूनानी ऑयल)
- तेल को हल्का गर्म करके दर्द वाले हिस्से पर लगाइए।
- सर्कुलर मोशन में और हमेशा नीचे से ऊपर की तरफ मालिश कीजिए।
- हर जॉइंट पर कम से कम 5 मिनट तक मसाज करें।
इससे न सिर्फ दर्द और जकड़न कम होगी, बल्कि अंदर तक एक नया सुकून मिलेगा।
Step 2: हॉट फर्मेंटेशन (सिकाई)
- एक साफ तौलिया को गर्म पानी में भिगोकर निचोड़ें।
- दर्द वाले हिस्से पर 5-7 मिनट रखें।
- तौलिया ठंडा हो जाए तो दोबारा गर्म करके रिपीट करें।
- इससे ब्लॉकेज पिघलने लगता है और नाड़ियां खुलने लगती हैं।
सिर्फ 10 मिनट की सिकाई आपके जॉइंट्स और नसों को रिलैक्स कर देती है।
Step 3: मर्म पॉइंट्स एक्टिवेट करें
आयुर्वेद कहता है कि शरीर में कुछ वाइटल एनर्जी पॉइंट्स (मर्म पॉइंट्स) होते हैं। इनको स्टिमुलेट करने से नसों का ब्लॉकेज खुलता है और शरीर में एनर्जी फ्लो फिर से शुरू होता है।
- दो खास पॉइंट्स: शिप्र मर्म – अंगूठे और तर्जनी के बीच। मणिबंध मर्म – कलाई के अंदरूनी हिस्से में।
- इन पर हल्का सर्कुलर मसाज 2-3 मिनट कीजिए।
यह छोटा सा एक्यूप्रेशर टच आपकी ब्लॉक्ड नसों को नेचुरली फ्री करता है।
Step 4: नाड़ी शोधन प्राणायाम
जब वात जमता है तो सिर्फ जॉइंट्स ही नहीं, सांसों का फ्लो भी अटक जाता है।
इसे खोलने के लिए सबसे आसान तरीका है — नाड़ी शोधन प्राणायाम।
- सीधी रीढ़ के साथ बैठें।
- एक नथुने से सांस लें और दूसरी से छोड़ें, फिर स्विच करें।
- यह प्रक्रिया 5 मिनट तक करें।
इससे शरीर की अटकी हुई हवा और ऊर्जा धीरे-धीरे डिसॉल्व होने लगती है और आप हल्का महसूस करेंगे।
Step 5: गर्म पानी से स्नान और डाइट
- प्रोसेस पूरा करने के बाद हमेशा गर्म पानी से स्नान करें।
- खाने में बचें: दही, ठंडे ड्रिंक्स, कच्ची सलाद, ठंडा पानी।
- शामिल करें: देसी घी गर्म दूध खिचड़ी हल्दी वाला दूध सुबह खाली पेट गर्म पानी
- साथ ही हल्की एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग भी करें।
इससे जॉइंट्स अंदर से लुब्रिकेट होंगे और नसों का फ्लो सुधरेगा।
नतीजा:
अगर आप रोजाना 20-25 मिनट इस प्रोसेस को देंगे, तो आपके जॉइंट्स हल्के, फ्लेक्सिबल और एनर्जेटिक हो जाएंगे।
शरीर फिर से आजाद महसूस करेगा — बिल्कुल वैसा जैसा आप सालों पहले महसूस करते थे।
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अब मैं आपसे जानना चाहता हूं:
क्या आपने कभी जॉइंट पेन या नसों के ब्लॉकेज के लिए आयुर्वेदिक तरीका आजमाया है?
इनमें से कौन-सा स्टेप आप सबसे पहले ट्राई करना चाहेंगे?
कमेंट में बताइए और अगर यह पोस्ट मददगार लगी हो तो शेयर करना मत भूलिए।
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