भुवनेश्वर, 20 जून . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के लिए 18,653 करोड़ रुपए की 105 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस दौरे को ओडिशा की विकास यात्रा का एक ऐतिहासिक मोड़ बताते हुए कहा कि यह राज्य के भविष्य को संवारने वाला कदम है.
प्रधानमंत्री ने राज्य की दीर्घकालिक विकास योजना ‘ओडिशा विजन 2036 एवं 2047’ का औपचारिक विमोचन किया. यह दस्तावेज भारत की स्वतंत्रता की शताब्दी (2047) और ओडिशा के गठन की शताब्दी (2036) को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. मुख्यमंत्री मोहन माझी ने बरापुत्रा ऐतिहासिक ग्राम योजना की घोषणा की. इस योजना के तहत राज्य की महान विभूतियों के पैतृक गांवों का समग्र विकास किया जाएगा. इसके तहत हर गांव को 15 करोड़ रुपए मिलेंगे.
इसके साथ ही, गांवों में संग्रहालय, प्रतिमाएं, व्याख्या केंद्र, बच्चों के पार्क, शिल्प-खानपान स्टॉल, पुस्तकालय, सभागार और ओपन एयर थियेटर बनाए जाएंगे. हर पंचायत क्षेत्र में कम से कम एक मॉडल प्राथमिक विद्यालय की स्थापना हेतु भूमि चिह्नित की जाएगी. इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है.
बौध को जोड़ने वाली दो नई रेल सेवाएं बौध-संबलपुर और बौध-भुवनेश्वर (नया) की शुरुआत की गई. इससे आंतरिक क्षेत्रों की कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार होगा.
इस दौरान प्रधानमंत्री ने 73 किलोमीटर लंबी सोनपुर-पुरुना कटक रेल लाइन का उद्घाटन किया, जो खुर्दा रोड-बलांगीर रेल लाइन का हिस्सा है. इससे बौध जिला पहली बार रेल नेटवर्क से जुड़ गया. साथ ही, सारला-ससां सेक्शन में अतिरिक्त रेल लाइन और अन्य पांच रेल परियोजनाओं की नींव रखी गई.
प्रधानमंत्री मोदी ने महिला स्वयं सहायता समूहों की सफलता को मान्यता देते हुए ‘लखपति दीदियों’ को मंच पर सम्मानित किया. मुख्यमंत्री ने राजधानी क्षेत्र शहरी परिवहन के तहत 100 नई इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत की घोषणा की. ये बसें भुवनेश्वर, कटक और पुरी में 11 पुराने और आठ नए रूटों पर संचालित होंगी. ‘नरज इलेक्ट्रिक बस डिपो’ का उद्घाटन भी हुआ, जिसे हरित भवन तकनीक से तैयार किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह केवल परियोजनाओं का शुभारंभ नहीं, बल्कि ओडिशा के नवोदय की शुरुआत है. यह राज्य को आत्मनिर्भर, समृद्ध और भविष्य-तैयार बनाने की दिशा में ऐतिहासिक छलांग है.”
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डीएससी/एकेजे