New Delhi, 6 सितंबर . Government of India ने आर्थिक अपराधियों और फरारों को वापस लाने की दिशा में एक और अहम कदम उठाया है. इसी कड़ी में हाल ही में ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) की एक टीम ने दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल का दौरा किया.
तिहाड़ जेल के सूत्रों के मुताबिक, यह निरीक्षण विशेष रूप से विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़ों को भारत लाने की कोशिशों को अमली जामा पहनाने के लिए किया गया. यह दौरा इसलिए किया गया ताकि ब्रिटेन की अदालतों में यह साबित किया जा सके कि भारत में प्रत्यर्पित किए जाने वाले आरोपियों को तिहाड़ जेल में सुरक्षित और बेहतर माहौल मिलेगा.
जानकारी के अनुसार, ब्रिटिश टीम तिहाड़ की हाई-सिक्योरिटी वार्ड तक गई और वहां मौजूद कैदियों से भी बातचीत की. इस दौरान जेल अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि प्रत्यर्पण के बाद अगर किसी हाई-प्रोफाइल आरोपी को यहां रखा जाता है तो उसके लिए जेल परिसर में एक विशेष एन्क्लेव भी तैयार किया जा सकता है, जहां उनकी सुरक्षा और सुविधाओं का खास ख्याल रखा जाएगा.
गौरतलब है कि हाल ही में ब्रिटेन की अदालतों ने तिहाड़ जेल की स्थिति को लेकर भारत की कई प्रत्यर्पण याचिकाएं खारिज कर दी थीं. अदालतों में यह तर्क दिया गया था कि भारत में प्रत्यर्पित किए जाने वाले आरोपियों के साथ जेल में दुर्व्यवहार या गैरकानूनी पूछताछ हो सकती है. इसी संदर्भ में यह दौरा आयोजित किया गया ताकि ब्रिटेन को भरोसा दिलाया जा सके कि तिहाड़ जेल में न तो किसी आरोपी के साथ मारपीट होगी और न ही गैरकानूनी पूछताछ की जाएगी.
बता दें कि इस समय भारत के कुल 178 प्रत्यर्पण अनुरोध विभिन्न देशों में लंबित हैं, जिनमें से करीब 20 मामले केवल ब्रिटेन में अटके हुए हैं. इन मामलों में विजय माल्या और नीरव मोदी के अलावा हथियार कारोबारी संजय भंडारी और कई खालिस्तानी नेताओं के नाम भी शामिल हैं.
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पीएसकके
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