नई दिल्ली, 3 जुलाई . देश के रियल स्टेट बाजार में घरेलू पूंजी 53 प्रतिशत बढ़कर 1.4 बिलियन डॉलर हो गई, जो जनवरी-जून अवधि में कुल प्रवाह का 48 प्रतिशत है. यह जानकारी गुरुवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
पहली तिमाही में स्थिर शुरुआत के बाद, भारतीय रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश में 2025 की दूसरी तिमाही के दौरान शानदार वृद्धि देखी गई, जो क्रमिक आधार पर 29 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.7 बिलियन डॉलर हो गई. इसने 2025 की पहली छमाही में कुल निवेश को 3.0 बिलियन डॉलर तक बढ़ा दिया, जिससे वर्तमान वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच क्षेत्र मजबूत हुआ.
निवेश की मात्रा 2021 से लगभग 2.6 बिलियन डॉलर के अर्ध-वार्षिक औसत से ऊपर रही, जो निवेशकों की निरंतर रुचि को दर्शाती है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू निवेश की बढ़ती हिस्सेदारी पूंजी निवेश परिदृश्य में चल रहे बदलाव को दर्शाती है, जिसमें भारतीय संस्थागत निवेशक मुख्य परिसंपत्ति वर्गों में रियल एस्टेट गतिविधि को आगे बढ़ाने में अधिक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं.
कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बादल याग्निक ने कहा, “घरेलू पूंजी भारत के रियल एस्टेट निवेश में एक प्रमुख चालक के रूप में उभरी है, कुल निवेश में इसकी हिस्सेदारी 2021 में 16 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 34 प्रतिशत हो गई है.”
2025 की पहली छमाही के दौरान 60 प्रतिशत से अधिक घरेलू निवेश आवासीय और ऑफिस एसेट्स की ओर निर्देशित थे, जो मुख्य खंडों में निरंतर विश्वास को दर्शाता है.
याग्निक ने कहा, “घरेलू पूंजी गहरी होती जा रही है और इसमें विविधता आ रही है, इसी के साथ यह भारत के मैच्योरिंग रियल एस्टेट इकोसिस्टम में अधिक स्थिरता और दीर्घकालिक विश्वास लाने के लिए तैयार है.”
आवासीय परिसंपत्तियों में 0.8 बिलियन डॉलर का निवेश हुआ, जिसने 2025 की पहली छमाही के दौरान 27 प्रतिशत प्रवाह को बढ़ावा दिया. इसके बाद ऑफिस एसेट्स का स्थान रहा, जिसकी हिस्सेदारी 24 प्रतिशत रही.
रिपोर्ट में बताया गया है कि मिक्स्ड-यूज एसेट्स के निवेश में भी शानदार वृद्धि देखी गई, जो 2025 की पहली छमाही के दौरान कुल प्रवाह में 20 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी रखती है, जबकि 2024 में इसी अवधि के दौरान यह हिस्सेदारी 7 प्रतिशत थी.
रिटेल और अलटर्नेटिव एसेट्स में भी निवेश प्रवाह में वृद्धि देखी गई, जो संचयी रूप से 0.5 बिलियन डॉलर थी, जिसमें 2025 की पहली छमाही में चुनिंदा बड़े सौदे शामिल थे.
कोलियर्स इंडिया के राष्ट्रीय निदेशक और शोध प्रमुख विमल नादर ने कहा, “आरईआईटी और दूसरे संस्थागत प्लेयर्स प्रमुख बाजारों में क्वालिटी रिटेल एसेट्स की सक्रिय रूप से तलाश कर रहे हैं, जिससे आने वाली तिमाहियों में इस क्षेत्र में निवेश गतिविधि में तेजी आने की उम्मीद है.”
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एसकेटी/
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