मुंबई, 22 जून . रविवार की सुबह मुंबई की सड़कों पर एक अनोखा नजारा देखने को मिला, जब सैकड़ों लोग साइकिलों पर सवार होकर नशे के खिलाफ एकजुट हुए. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुंबई और ग्रेटर मुंबई पुलिस की संयुक्त पहल से आयोजित साइक्लोथॉन ने नशीली दवाओं के खिलाफ जागरूकता फैलाने का संदेश दिया.
“ड्रग्स मुक्त भारत” अभियान बांद्रा रिक्लेमेशन बस स्टेशन से शुरू होकर जुहू बीच पर खत्म हुआ.
सुबह 7 बजे साइक्लोथॉन को हरी झंडी दिखाने के लिए बड़े-बड़े दिग्गज जुटे. नवल बजाज (एडीजी, एटीएस),शारदा निकम (आईजी, एएनटीएफ), अमित घावटे (अतिरिक्त निदेशक, एनसीबी मुंबई), नवनाथ धवले (डीसीपी, एएनसी) और डॉ. दीपशिखा बिड़ला (सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ इंडिया पोस्ट), मुंबई नॉर्थ डिवीजन और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, मुंबई यूनिट और एंटी नारकोटिक्स सेल, मुंबई पुलिस के कर्मचारियों की उपस्थिति में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया.
लोहा फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस साइक्लोथॉन में हर उम्र के लोग शामिल हुए. युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक ने साइकिल थामकर नशे के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की. मार्ग को खास तौर पर यातायात और सुरक्षा को ध्यान में रखकर चुना गया था, जिससे प्रतिभागियों को कोई असुविधा न हो.
बांद्रा से जुहू तक की सैर न सिर्फ सेहत के लिए अच्छी थी, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी दे रही थी.
जुहू बीच पर कार्यक्रम का समापन हुआ, जहां आम नागरिकों और अधिकारियों ने आपस में विचार साझा किए. प्रतिभागियों ने कहा कि ऐसे आयोजन हमें याद दिलाते हैं कि नशा सिर्फ एक व्यक्ति की जिंदगी नहीं, बल्कि पूरे समाज को बर्बाद करता है. हम सबको मिलकर इसे रोकना होगा.
एनसीबी के इस प्रयास ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरों को उजागर किया और एक स्वस्थ, नशामुक्त जीवनशैली को बढ़ावा दिया. अधिकारियों ने बताया कि यह साइक्लोथॉन सिर्फ एक शुरुआत है; आगे और भी ऐसे आयोजन होंगे, जो समाज को नशे की जकड़ से मुक्त कराने में मदद करेंगे.
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एकेएस/केआर
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