नई दिल्ली, 15 मई . भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम की बात करने से पहले, भारत ने यह स्पष्ट किया था कि वह केवल आतंकवादी संरचनाओं को नष्ट कर रहा है, न कि पाकिस्तान की सेना को निशाना बना रहा है.
विदेश मंत्री ने कहा कि 7 मई को पाकिस्तान को चेतावनी दी गई थी कि वे अपनी सेना को इस कार्रवाई से अलग रखें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. 10 मई को भारतीय कार्रवाई से पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ, जिसके बाद उसने युद्धविराम की बात की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान ही युद्धविराम चाहता था.
एस जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध केवल द्विपक्षीय होंगे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से केवल आतंकवाद पर ही वार्ता की जाएगी और पाकिस्तान को अपनी आतंकवादी संरचनाओं को समाप्त करना होगा.
उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू और कश्मीर मुद्दे पर केवल पीओके की वापसी पर चर्चा की जाएगी, न कि किसी और विषय पर बात होगी.
एस जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता जारी है और यह एक जटिल प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यापारिक समझौता तब तक नहीं हो सकता, जब तक वह दोनों देशों के लिए लाभकारी न हो.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है और इस पर अधिक विचार-विमर्श की आवश्यकता है.
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एप्पल के सीईओ टीम कुक से कहा कि वह भारत में फैक्ट्रियां नहीं लगाएं. ट्रंप के इस बयान के बाद जयशंकर ने ये बातें कही हैं.
इसके साथ ही, एस जयशंकर ने होंडुरास के साथ भारत के बढ़ते व्यापारिक संबंधों का स्वागत किया और कहा कि यह देश भारत का समर्थन करता है, खासकर पलगाम हमले के बाद, जब होंडुरास ने भारत के पक्ष में मजबूत एकजुटता दिखाई थी.
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डीएससी/एबीएम
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