New Delhi, 19 अगस्त . महिला ग्रैंडमास्टर तानिया सचदेव ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है. कई अंतरराष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए तानिया ने पदक जीते. ‘ब्यूटी विद ब्रेन’ तानिया इंटरनेशनल मास्टर्स (आईएम) और विमेंस ग्रैंड मास्टर्स (डब्ल्यूजीएम) खिताब जीत चुकी हैं.
तानिया को चेस की ‘ग्लैमर गर्ल’ कहा जाता है, जो शतरंज की बिसात पर विरोधी की हर चाल का मुंहतोड़ जवाब देती हैं.
20 अगस्त 1986 को दिल्ली में जन्मीं तानिया जब महज छह साल की थीं, तब उन्होंने इस खेल के दांव-पेंच सीखने शुरू कर दिए थे. महज आठ साल की उम्र में पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाली तानिया ने शुरुआती वर्षों में केसी जोशी से कोचिंग ली.
बेहद कम उम्र में ही तानिया कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपना लोहा मनवा चुकी थीं. अंडर 12 डिवीजन में उन्होंने विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया.
साल 2002 में एशियन जूनियर गर्ल्स चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाली तानिया साल 2005 में विमेंस ग्रैंडमास्टर का खिताब जीतने वाली आठवीं भारतीय थीं.
इसके बाद साल 2006 और 2007 में तानिया ने नेशनल महिला प्रीमियर शतरंज चैंपियनशिप जीती. साल 2007 में ही उन्होंने महिला एशियाई शतरंज चैंपियनशिप भी अपने नाम की.
साल 2015 में तानिया ने रेक्जाविक ओपन में सर्वश्रेष्ठ महिला का पुरस्कार जीता था. इसी साल एशियन कॉन्टिनेंटल विमेंस रैपिड चेस चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल अपने नाम किया.
साल 2016, 2018 और 2019 में तानिया ने तीन बार कॉमनवेल्थ विमेंस चेस चैंपियनशिप जीती.
सितंबर 2024 में तानिया उस भारतीय टीम का हिस्सा थीं, जिसने 45वीं शतरंज ओलंपियाड की महिला श्रेणी में गोल्ड जीता. यह भारत का पहला ओलंपियाड गोल्ड था.
तानिया मॉडलिंग का भी शौक रखती हैं. उन्हें रैंप वॉक के अलावा फोटोशूट का भी शौक है. तानिया शतरंज खेलने के अलावा प्रेजेंटेटर-कमेंटेटर के तौर पर भी काफी मशहूर हैं.
आरएसजी
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