नई दिल्ली, 7 जुलाई . वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के तेजी से विकसित होने के साथ, भारतीय व्यवसाय 2035 तक ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) में 9.82 ट्रिलियन डॉलर का लाभ उठा सकते हैं. यह जानकारी हाल ही में आई एक रिपोर्ट में दी गई.
पीडब्ल्यूसी इंडिया स्टडी के अनुसार, जीवीए गणना में योगदान देने वाले सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक ‘मेक’ डोमेन होगा, जिसमें अन्य क्षेत्रों के अलावा मैन्युफैक्चरिंग और औद्योगिक उत्पादन शामिल हैं.
रिपोर्ट का अनुमान है कि अकेले यह क्षेत्र 2023 के 945 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2035 तक लगभग 2.7 ट्रिलियन डॉलर का जीवीए हो जाएगा.
पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट, ‘नेविगेटिंग द वैल्यू शिफ्ट’ में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन, जनसांख्यिकीय बदलाव और तकनीकी व्यवधान जैसे बड़े रुझान वैल्यू क्रिएशन के नए रास्ते बना रहे हैं, जो पारंपरिक उद्योग सीमाओं से परे हैं.
इस परिदृश्य के बीच, व्यवसाय तेजी से विकसित हो रहे परिदृश्य का लाभ उठाने के लिए विविधीकरण कर रहे हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है, “हालांकि, इस परिवर्तन को प्रभावी ढंग से नेविगेट करने के लिए उन्हें एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है, ताकि वे पहचान कर सकें कि गतिशील मूल्य को प्राप्त करने के लिए कहां और कैसे विविधता लानी है. इस आवश्यकता का समर्थन करने के लिए पीडब्ल्यूसी ने इस नए युग में रणनीतिक-निर्णय लेने का मार्गदर्शन करने के लिए एक डोमेन-बेस्ड फ्रेमवर्क डेवलप किया है.”
डोमेन ऐसे बाजारों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां व्यवसाय बुनियादी मानवीय और औद्योगिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पारंपरिक क्षेत्र की सीमाओं से परे जाते हैं.
पीडब्ल्यूसी इंडिया के अध्यक्ष संजीव कृष्ण ने कहा, “भारत के सीईओ पहले से ही इन बदलावों पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. पीडब्ल्यूसी के 28वें ‘एनुअल ग्लोबल सीईओ सर्वे: इंडिया पर्सपेक्टिव’ में भारत के 40 प्रतिशत सीईओ ने कहा कि उनकी कंपनियों ने पिछले पांच वर्षों में कम से कम एक नए क्षेत्र में प्रवेश किया है, जिनमें से आधे ने इन नए उपक्रमों से अपने राजस्व का 20 प्रतिशत तक कमाया है.”
लेकिन गति को बनाए रखने और पूर्ण मूल्य को पेश करने के लिए व्यवसायों को विविधीकरण से आगे बढ़ना होगा.
उन्होंने कहा, “क्षेत्र-आधारित दृष्टिकोण से परे एक डोमेन-आधारित लेंस क्षमताओं की पुनःकल्पना करने, इकोसिस्टम में सहयोग करने और फ्यूचर रेडी बिजनेस और राजस्व मॉडल बनाने का एक शक्तिशाली तरीका प्रदान करता है.”
2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था के 30 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. ऐसे में डोमेन-बेस्ड इनोवेशन देश के समावेशी, सस्टेनेबल और टेक-पावर्ड विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
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