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विशाखपटनम नौसेना जासूसी मामले में एनआईए की अदालत ने दो आरोपियों को सुनाई सजा

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New Delhi, 7 नवंबर . राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने Pakistan से जुड़े विशाखापटनम नौसेना जासूसी मामले में दो और आरोपियों को साधारण कारावास (एसआई) की सजा सुनाई है.

विशाखापटनम स्थित एनआईए की विशेष अदालत ने विशाखापटनम जिले के कलावलपल्ली कोंडा बाबू और कांगड़ा जिले के अवियांश सोमल को यूए(पी) अधिनियम की धारा 18 और शासकीय गोपनीयता अधिनियम की धारा 3 के तहत 5 साल 10 महीने की सजा सुनाई है. अदालत ने प्रत्येक पर 5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है और भुगतान न करने की स्थिति में आरोपियों को मामले में एक साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.

इसके साथ ही, अब तक कुल छह आरोपियों को दोषी ठहराया गया है और सजा सुनाई गई है. यह मामला विदेशी जासूसों/एजेंटों द्वारा भारतीय नौसेना के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर जासूसी करने से संबंधित है, जिसका उद्देश्य इसकी एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरा पहुंचाना था.

जिन दो अभियुक्तों को अब दोषी ठहराया गया है और सजा सुनाई गई है, उन्हें दिसंबर 2019 में क्रमशः Mumbai (Maharashtra) और कारवार (कर्नाटक) से गिरफ्तार किया गया था. एनआईए की जांच से पता चला कि वे व्हाट्सएप के माध्यम से विदेशी खुफिया एजेंसियों के संपर्क में थे और भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों, तैनाती आदि से संबंधित संवेदनशील और गोपनीय जानकारी साझा करने में शामिल थे.

जांच के अनुसार, दोनों व्यक्ति शुरुआत में फेसबुक के जरिए Pakistanी खुफिया एजेंटों के संपर्क में आए थे. उन्हें इस मामले में इस साल की शुरुआत में दोषी ठहराए गए अब्दुल रहमान, हारून लकड़ावाला, शाइस्ता कैसर और इमरान गितेली के जरिए Pakistanी एजेंटों से गुप्त और गोपनीय जानकारी के बदले आर्थिक लाभ मिला था. इन चारों आरोपियों पर जासूसी की साजिश के तहत Pakistanी खुफिया एजेंटों के निर्देश पर अभियुक्तों के खातों में अलग-अलग रकम जमा करने का आरोप पाया गया.

एनआईए, जिसने दिसंबर 2019 में काउंटर इंटेलिजेंस Police स्टेशन, खुफिया विभाग, विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश Police) से जांच का कार्यभार संभाला था, ने पिछले कुछ वर्षों में कुल 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जून 2020 में एजेंसी ने 14 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था, जिसके बाद मार्च 2021 में एक और आरोपी के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया गया था.

मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ आगे की जांच और मुकदमा जारी है.

पीआईएम/डीकेपी

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