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पाकिस्तान : बड़ी मुश्किल में 'नीली आंखों वाला' चायवाला, 'इंटरनेट सनसनी' को अफगानिस्तान निवार्सित किए जाने का डर

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इस्लामाबाद, 18 अप्रैल . इस्लामाबाद में ‘चायवाला’ अरशद खान, जो कभी रातों रात इंटरनेट सनसनी बन गए थे अब कानूनी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. वह एक पाकिस्तानी नागरिक के रूप में अपनी पहचान के लिए लड़ रहे हैं. उन्हें जल्द अफगानिस्तान निर्वासित किए जाने का डर सता रहा है.

आकर्षक नीली आंखों वाले इस ‘चायवाले’ की तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया था और खान को वैश्विक ख्याति हासिल हुई थी.

हालांकि 25 वर्षीय युवक को अब अपना अधिकांश समय स्थानीय अदालतों में बिताने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. अधिकारियों ने उसका राष्ट्रीय पहचान पत्र (एनआईसी) और पाकिस्तानी पासपोर्ट ब्लॉक कर दिया है.

खान ने अपने एनआईसी और पासपोर्ट को ब्लॉक किए जाने को लाहौर उच्च न्यायालय की रावलपिंडी पीठ में चुनौती दी है. मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी. दरअसल पाकिस्तान के राष्ट्रीय डेटाबेस एवं पंजीकरण प्राधिकरण (एनएडीआरए) ने जवाब दाखिल कर खुफिया एजेंसियों से मामले की विस्तृत जांच कराने के लिए और समय मांगा है.

इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने कहा कि अरशद खान उर्फ चायवाला एक अफगान नागरिक हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह अफगानिस्तान में पैदा हुए थे और उनके पास पाकिस्तानी नागरिक होने का कोई कानूनी सबूत नहीं है.

दोनों एजेंसियों की रिपोर्ट में यह कहा गया कि ‘कोई भी विदेशी नागरिक सीएनआईसी या पासपोर्ट जैसे पाकिस्तानी पहचान दस्तावेजों को रखने या उनसे लाभ उठाने का हकदार नहीं है.’

इसके अलावा, एनएडीआरए अधिकारियों ने कहा कि अरशद खान 1978 से पहले पाकिस्तान में अपनी पहचान, जन्म, निवास या संपत्ति के स्वामित्व का सबूत देने में नाकाम रहे हैं.

एनएडीआरए के अधिकारियों ने कहा कि चूंकि कोई सबूत नहीं दिया गया, इसलिए अरशद खान का सीएनआईसी और पासपोर्ट रद्द कर दिया गया. अरशद को कानूनी नोटिस भी भेजा गया, जिसमें पाकिस्तान छोड़ने का निर्देश दिया गया.

अरशद खान की ओर से दायर याचिका में कहा किया वह इस्लामाबाद में चाय बेचते रहे हैं. इसमें दलील दी गई कि उनके पहचान दस्तावेजों को रद्द करने से उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है.

एमके/

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