नई दिल्ली, 18 मई . दिल्ली में शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) के 15 निगम पार्षदों ने इस्तीफा देकर एक नए दल के गठन का ऐलान किया. इस्तीफा देने वाले पार्षदों का नेतृत्व कर रहे हेमचंद गोयल ने रविवार को बताया कि पार्टी नेतृत्व की अनदेखी और जनता के प्रति जवाबदेही के अभाव ने उन्हें यह बड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर किया.
हेमचंद गोयल ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी की सरकार रही. लेकिन, क्षेत्र में कोई ठोस काम नहीं हुआ. जनता से रोजाना सवालों का सामना करना पड़ता था, लेकिन जब हम पार्टी नेतृत्व से बात करते तो हमारी कोई सुनवाई नहीं होती थी. इस उपेक्षा से आहत होकर हमने सामूहिक रूप से इस्तीफा दिया है और अब नई पार्टी का गठन किया है.
उन्होंने कहा कि यह फैसला अचानक नहीं लिया गया, बल्कि इसकी पटकथा करीब 20 दिन पहले ही लिखी जा चुकी थी. उन्होंने कहा कि मेयर चुनाव में ही साफ हो गया था कि पार्टी नेतृत्व ने पहले ही हथियार डाल दिए थे. हमारी संख्या 130 से ज्यादा थी, बहुमत के लिए 126 की आवश्यकता थी, लेकिन हम 113 तक सिमट गए और भाजपा 117 तक पहुंच गई. कांग्रेस के 8 पार्षद भी थे. ऐसे में अगर आम आदमी पार्टी, कांग्रेस से बात करती तो हम मेयर बना सकते थे. लेकिन, पार्टी नेतृत्व ने मेयर चुनाव से खुद को बाहर रखा और दिल्ली की जनता के जनादेश के साथ खिलवाड़ किया.
निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए गोयल ने कहा कि ढाई साल में हाउस सिर्फ एक दिन चला, वह भी बजट सत्र के दौरान. जब सदन ही नहीं चलेगा तो क्षेत्र की समस्याएं कैसे उठेंगी? नगर निगम का मतलब है सत्ता का विकेंद्रीकरण, जिससे स्थानीय स्तर पर विकास हो, लेकिन आम आदमी पार्टी ने सारे अधिकार अपने हाथ में रखे. न तो स्टैंडिंग कमेटी बनी, न ही अन्य समितियां सुचारू रूप से काम कर सकीं.
नगर निगम की बदहाली का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सेंट्रल जोन में कूड़ा उठाने वाली कंपनी का टेंडर खत्म हो गया, लेकिन नया टेंडर नहीं निकाला गया, जिससे सफाई व्यवस्था चरमरा गई.
हेमचंद गोयल ने स्पष्ट किया कि उनकी नई पार्टी किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं बनाई गई है. उन्होंने कहा कि हम कोई चुनाव लड़ने के लिए अलग नहीं हुए. हमारा मकसद सिर्फ नगर निगम में जनता की आवाज बनना है. अगर सत्ता पक्ष, चाहे वह भाजपा हो या कोई और, दिल्ली के हित की बात करेगा तो हम उसका समर्थन करेंगे. अगर आम आदमी पार्टी विपक्ष में रहकर भी जनहित की बात करेगी, तो हम उनका भी साथ देंगे.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में 15 पार्षद उनके साथ हैं और भविष्य में और भी नाराज पार्षद उनके साथ जुड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमारा दरवाजा उन सभी पार्षदों के लिए खुला है, जो जनहित में काम करना चाहते हैं.
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पीएसके/एबीएम
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