जम्मू , 4 जुलाई . देश कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ मना रहा है. आज के दिन यानी 4 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने टाइगर हिल को पाकिस्तानियों से मुक्त कराया था. कारगिल युद्ध में शहीद हुए उदय मान सिंह की मां कांता देवी अपने बेटे को याद कर भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने दुश्मनों से डटकर मुकाबला किया.
केंद्र सरकार की तरफ से शहीद जवानों के नाम पर स्कूलों के नाम रखे जाने के निर्णय पर जम्मू के रहने वाले कारगिल युद्ध के शहीद उदय मान सिंह के नाम पर भी स्कूल का नाम रखा गया. इस पर मां कांता देवी ने समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, “अगर आज मैं भी चली जाऊं तो मुझे कोई गम नहीं होगा, क्योंकि अब स्कूल मेरे बेटे के नाम से जाना जाएगा. मुझे मेरे बेटे पर गर्व है.”
साल 1999 में ऑपरेशन विजय के दौरान भारतीय सेना के 500 से अधिक वीर जवान शहीद हुए थे. जम्मू के श्यामचक क्षेत्र के उदय मान सिंह ने भी देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी.
मां कांता देवी कहती हैं कि उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है. वह आज भी अपने बेटे का बटुआ और वह एक रुपए का सिक्का संभालकर रखती हैं, जिस पर गोली का निशान है. वह भावुक होकर बताती हैं कि उनके बेटे ने दुश्मन के सामने सीने पर गोली खाई, लेकिन कभी पीठ नहीं दिखाई.
उल्लेखनीय है कि 4 जुलाई 1999 को 18 ग्रेनेडियर्स की टुकड़ी के साथ दो अन्य बटालियनों को टाइगर हिल पर कब्जा करने का काम सौंपा गया था और देर शाम ऑपरेशन शुरू किया गया. इस दौरान वह घायल हो गए और अगली सुबह वीरगति को प्राप्त हुए.
कांता देवी बताती हैं कि कैसे उनका बेटा दो महीने परिवार के साथ बिताने के बाद कारगिल चला गया था. 26 साल बाद भी उसके जाने से जो खालीपन पैदा हुआ, वह महसूस होता है, लेकिन एक युद्ध नायक की मां होने का गौरव हमेशा उनके दर्द पर हावी रहता है.
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एएसएच/एकेजे
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