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करुणा पांडे के सीरियल 'पुष्पा इम्पॉसिबल' में आएगा 7 साल का गैप

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Mumbai , 30 अक्टूबर . सोनी सब टीवी के मशहूर सीरियल ‘पुष्पा इम्पॉसिबल’ दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है. इसमें पुष्पा पटेल (करुणा पांडे) की दिल को छू लेने वाली कहानी है, जो एक मजबूत और स्वतंत्र महिला है. वह चुनौतियों का सामना करने में कभी पीछे नहीं हटती.

यह शो 3 नवंबर से 7 साल का एक नया लीप लेने के लिए तैयार है. शो मेकर्स दर्शकों को पुष्पा के जीवन का बिल्कुल नया दौर दिखाने का वादा कर रहे हैं, जो नई शुरुआत, बदलते रिश्तों और जबरदस्त ट्विस्ट से भरा होगा.

लीप के बाद यह सीरियल एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा. पुष्पा, जो 42 साल की उम्र में शिक्षा के अपने सपने को पूरा करने के लिए स्कूल लौटी थीं, अब वर्षों की दृढ़ता, दृढ़ संकल्प और अटूट भावना के बाद पुरुषों की दुनिया में न्याय के लिए लड़ने वाली एक महिला वकील बनकर लौटेंगी. हालांकि, पुष्पा के जीवन का इतिहास बताता है कि पुष्पा को सफलता कभी आसानी से नहीं मिली.

अपनी योग्यता साबित करने के लिए दृढ़ संकल्पित पुष्पा ने हर बाधा को सहजता से पार किया है और तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए, सामाजिक पूर्वाग्रहों और पेशेवर बाधाओं के खिलाफ मजबूती से खड़ी रही हैं.

इस सीरियल के नए फेज के बारे में बात करते हुए करुणा पांडे ने कहा, “शो में यह लीप मेरे लिए बेहद खास है क्योंकि यह उस बात को खूबसूरती से दर्शाता है जिसका यह शो हमेशा से प्रतीक रहा है, दृढ़ता के माध्यम से विकास का. मैं वर्षों से पुष्पा के किरदार को जी रही हूं, और वह मेरा इतना अभिन्न अंग बन गई है कि मैं अक्सर सोचती हूं, ‘इस स्थिति में पुष्पा क्या करती?’

उन्होंने आगे कहा, “इस नए चरण में कदम रखना, जहां पुष्पा एक वकील बन जाती है, रोमांचक और भावनात्मक दोनों है. व्यक्तिगत रूप से मैं लगातार अपनी योग्यता साबित करने के उनके सफर से खुद को जोड़ पाती हूं. कलाकार होने के नाते भी हम हमेशा सीमाओं को लांघने और धारणाओं को चुनौती देने की कोशिश करते हैं. यही इस लीप को इतना सार्थक बनाता है. यह सिर्फ पुष्पा की जीत नहीं है, यह हर उस महिला के लिए एक संदेश है जिसे कभी यह कहा गया है कि उसका समय बीत चुका है या वह फिर से शुरुआत नहीं कर सकती. मुझे पूरा विश्वास है कि दर्शक इस नए दौर से जुड़ेंगे क्योंकि यह सपने देखने, आगे बढ़ने और आगे बढ़ते रहने के साहस को दर्शाता है, चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न हों.”

जेपी/एबीएम

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