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यूपी सरकार 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना' के माध्यम से प्रदेश को बना रही उद्यमिता का मॉडल राज्य

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लखनऊ, 20 मई . उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने युवाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी (सीएम युवा) योजना’ के माध्यम से प्रदेश को उद्यमिता का मॉडल राज्य बना दिया है. इस योजना के माध्यम से सरकार न केवल युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही है, बल्कि उन्हें बिना ब्याज और बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध कराकर उनके सपनों को हकीकत में बदलने का अवसर भी दे रही है.

इसी क्रम में अब तक सरकार 53,000 से अधिक युवाओं के ऋण आवेदनों को स्वीकृत करते हुए 40,000 को ऋण वितरित भी कर चुकी है.

इस योजना को पूरे देश के लिए एक मिसाल माना जा रहा है, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार कर रही है. योजना के तहत बिना ब्याज और बिना गारंटी के 5 लाख रुपए तक का ऋण प्रदान किया जाता है, जिससे युवा सूक्ष्म और लघु उद्योग स्थापित कर अपने सपनों को उड़ान दे रहे हैं.

‘हर कदम उद्यमिता की ओर, हर युवा आत्मनिर्भरता की ओर’ के मिशन के साथ शुरू की गई इस योजना का लक्ष्य अगले 10 वर्षों में 10 लाख युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है. उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय के अनुसार, 16 मई 2025 तक इस योजना के तहत कुल 2,44,045 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 1,10,105 आवेदनों को बैंकों को अग्रेषित किया गया. इनमें से 53,649 आवेदनों को स्वीकृति मिल चुकी है और 39,835 युवाओं को अब तक ऋण वितरित किया जा चुका है.

योजना की उल्लेखनीय विशेषता यह है कि इसमें महिलाओं और पिछड़े वर्गों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है. ऋण प्राप्त करने वालों में लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो उद्यमिता के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं.

इसके अलावा, 48.5 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं, जबकि 15 प्रतिशत अनुसूचित जाति (एससी) और 2.5 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को इस योजना का लाभ मिला है. यह समावेशी दृष्टिकोण योजना को अधिक प्रभावी भी बनाता है.

योजना के तहत प्राप्त धनराशि का उपयोग युवा विभिन्न क्षेत्रों में कर रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार, 36 प्रतिशत से अधिक ऋण का उपयोग मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में किया गया है, जिसमें फर्नीचर निर्माण, आटा चक्की और डेयरी उत्पादन जैसे उद्योग शामिल हैं. वहीं, 64 प्रतिशत लाभार्थियों ने सेवा क्षेत्र में निवेश किया है, जिसमें टेंट हाउस, मोबाइल रिपेयरिंग, प्रिंटिंग प्रेस और फिटनेस सेंटर जैसे व्यवसाय शामिल हैं.

योजना के तहत ऋण वितरण में कानपुर नगर सबसे आगे है, जहां 1,339 युवाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है. इसके बाद बरेली (1,032), आगरा (1,016), महराजगंज (988), और वाराणसी (961) टॉप-5 जिलों में शामिल हैं.

ऋण वितरण में बैंकों की भूमिका भी सराहनीय रही है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने सर्वाधिक 6,684 युवाओं को ऋण प्रदान किया है. इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा (5,489), पंजाब नेशनल बैंक (4,770), इंडियन बैंक (4,459) और बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक (3,624) शीर्ष पांच बैंकों में शामिल हैं. इन बैंकों ने योजना की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

एसके/एबीएम

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