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मार्केट आउटलुक: ईरान-इजरायल युद्ध, एफआईआई और कच्चे तेल की कीमत से तय होगा बाजार का रुझान

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नई दिल्ली, 22 जून . अमेरिका की ओर से ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने के बाद भारतीय शेयर बाजार के लिए अगला हफ्ता काफी अहम होने वाला है. ईरान-इजरायल युद्ध की दिशा, कच्चे तेल की कीमत और एफआईआई के रुख से ही शेयर बाजार की चल तय होगी.

अमेरिका की ओर से ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी के बाद ईरान-इजरायल युद्ध में यूएस का प्रवेश हो गया है. ऐसे में अगर यह संघर्ष आगे बढ़ता है तो शेयर बाजार पर इसका असर देखने को मिल सकता है.

एसबीआईकैप सिक्योरिटीज के टेक्निकल रिसर्च और डेरिवेटिव्स के प्रमुख सुदीप शाह ने कहा कि ईरान-इजरायल युद्ध बाजार के सेंटीमेंट में अहम भूमिका निभाएगा. फिलहाल शेयर बाजार में सिलेक्टिव मजबूती दिखा रही है, क्योंकि निवेशक व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष वृद्धि की संभावना का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं.

शाह ने आगे कहा कि पिछले सप्ताह 200 दिनों के ईएमए से ऊपर जाने के बाद कच्चे तेल की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं, लेकिन गति थोड़ी कम हुई है. निरंतर उच्च कीमतें मुद्रास्फीति और संभावित आपूर्ति श्रृंखला बाधाओं को लेकर चिंताओं को बढ़ा रही हैं.

भारतीय शेयर बाजार के लिए बीता हफ्ता मुनाफे वाला रहा. निफ्टी 1.59 प्रतिशत या 393.80 अंक बढ़कर 25,112.40 और सेंसेक्स भी 1.59 प्रतिशत या 1,289.57 अंक बढ़कर 82,408.17 पर बंद हुआ.

इस तेजी का नेतृत्व निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स ने किया और इसमें 1.64 प्रतिशत की तेजी देखी गई. इसके अलावा निफ्टी ऑटो 1.51 प्रतिशत, निफ्टी आईटी 1.36 प्रतिशत और निफ्टी सर्विसेज 1.48 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए. वहीं, इस दौरान मेटल और फार्मा इंडेक्स में 1.50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई.

निफ्टी के आउटलुक पर शाह ने कहा, “पिछले 28 कारोबारी सत्रों से निफ्टी 25,222 से लेकर 24,462 के बीच कारोबार रहा है. इसमें से 16 सत्रों में यह गैप-अप और गैप-डाउन शुरुआत कर चुका है, जो दिखाता है कि बाजार में अस्थिरता बनी हुआ है. इस कारण इंडेक्स डायरेक्शनल ट्रेड के लिए सीमित अवसर प्रदान कर रहा है.”

एबीएस/

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