दोस्तो हिंदू धर्म में वास्तु का बहुत महत्व है और लोग इसके प्राचीन विज्ञान का इस्तेमाल कर अपने दैनिक जीवन से नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मकता लाता हैं, ऐसे में वास्तु में भोजन को बहुत पवित्र माना जाता हैं, जिसे पोषण की देवी, देवी अन्नपूर्णा से जोड़ा जाता है। भोजन करना केवल एक शारीरिक क्रिया ही नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक क्रिया भी है, जो सम्मान, स्वच्छता और अनुशासन को दर्शाता है। लेकिन कई लोग बिस्तर पर बैठकर खाना खाते हैं, तो क्या ये अशुभ है या शुभ, आइए जानते हैं पूरी डिटेल्स

1. धार्मिक मान्यता
हिंदू धर्म में, भोजन को प्रसाद माना जाता है - एक दिव्य प्रसाद। दूसरी ओर, बिस्तर आराम और नींद के लिए है। इन दोनों को मिलाना देवी अन्नपूर्णा का अनादर माना जाता है। इसलिए, बिस्तर पर भोजन करना दुर्भाग्य को आमंत्रित करता है और भोजन की पवित्रता को कम करता है।
2. स्वच्छता का महत्व
बिस्तर पर भोजन करने से भोजन के कण बिस्तर पर गिर सकते हैं, जिससे अस्वास्थ्यकर स्थिति पैदा हो सकती सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए स्वच्छ वातावरण आवश्यक है।
3. आध्यात्मिक ऊर्जा
हर जगह की अपनी ऊर्जा होती है। भोजन कक्ष पोषण और सकारात्मकता से जुड़ा है, जबकि बिस्तर आराम से जुड़ा है। बिस्तर पर भोजन करने से यह ऊर्जा संतुलन बिगड़ सकता है,।

आयुर्वेद शांत, स्वच्छ और समर्पित स्थान पर भोजन करने की सलाह देता है। जब बिस्तर पर भोजन किया जाता है, तो शरीर आलस्य की स्थिति में रहता है, जिससे पाचन और चयापचय बाधित हो सकता है।
5. सामाजिक शिष्टाचार
भारतीय संस्कृति भोजन कक्ष में एक साथ भोजन करने को बढ़ावा देती है, जिससे एकता, सम्मान और पारिवारिक बंधन बढ़ता है। इसके विपरीत, बिस्तर पर भोजन करना अक्सर असभ्य और भोजन और संगति दोनों के प्रति अनादरपूर्ण माना जाता है।
Disclaimer: This content has been sourced and edited from [hindustanlive]
You may also like
भारत और झारखंड की समावेशी सोच को स्पीकर ने सीपीए सम्मेलन में किया प्रस्तुत
पतंजलि की नई रिसर्च: गंजेपन का आयुर्वेदिक इलाज संभव
भारत सरकार का नया ओवरसीज मोबिलिटी विधेयक, प्रवासी भारतीयों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करेगा
ट्रम्प ने ईरान पर हुए हमलों को बताया गाजा शांति समझौते का निर्णायक कारक
मप्र ट्रैवल मार्ट 2025 : मध्य प्रदेश में लगेगा पर्यटन का महाकुंभ, भोपाल में 11 से 13 अक्टूबर तक होगा आयोजन