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20 जून 2025 का पंचांग: जानें तिथि, नक्षत्र, योग, राहुकाल और शुभ मुहूर्त

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आज दिनांक 20 जून 2025 को शुक्रवार है और ग्रीष्म ऋतु का प्रभाव बना हुआ है। यह दिन धार्मिक कार्यों और ज्योतिषीय गणनाओं की दृष्टि से विशेष माना जा सकता है, क्योंकि कई योग व शुभ मुहूर्त दिन में उपलब्ध हैं। पंडित लोकेश शर्मा, निवासी रोहिणी नगर, जगतपुरा के अनुसार, आज के दिन पंचांग के आधार पर पूजा-पाठ, यात्रा, नया कार्य आरंभ करने और व्रत-उपवास जैसे शुभ कार्यों के लिए उत्तम संयोग बन रहे हैं।

पंडित लोकेश शर्मा के अनुसार, आज अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00 बजे से 12:55 बजे तक रहेगा, जो किसी भी कार्य के आरंभ के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। वहीं, राहुकाल सुबह 10:44 से दोपहर 12:28 बजे तक रहेगा, इस दौरान कोई भी नया या महत्वपूर्ण कार्य करने से बचना चाहिए। आज पश्चिम दिशा में यात्रा करना वर्जित माना गया है, क्योंकि दिशा शूल पश्चिम में है। यदि अत्यावश्यक हो तो दही या सौंफ खाकर यात्रा करने की सलाह दी जाती है।


आइए अब जानते हैं आज का विस्तृत पंचांग।

तिथि और पक्ष


आज कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है, जो प्रातः 9 बजकर 52 मिनट तक रहेगी। इसके पश्चात दशमी तिथि का आरंभ होगा। यह काल विशेष रूप से व्रत, उपासना व संयम के लिए उपयुक्त माना जाता है।

नक्षत्र और योग

रेवती नक्षत्र आज रात 9 बजकर 45 मिनट तक प्रभावी रहेगा, जो कोमल स्वभाव, संवेदनशीलता और रचनात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।

शोभन योग, जो शुभ फलों की प्राप्ति और कार्यसिद्धि के लिए जाना जाता है, आज रात 11 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।

करण

आज गर करण और फिर वणिज करण प्रातः 9 बजकर 52 मिनट तक प्रभावी रहेंगे। गर और वणिज करण को सामान्यत: मध्यम श्रेणी के करणों में माना जाता है, जो दैनिक कार्यों के लिए उपयुक्त होते हैं।

ग्रह स्थिति एवं राशियाँ

सूर्य आज प्रातः 5:33 बजे उदय होकर संध्या 7:23 बजे अस्त होगा।

चंद्रमा आज मीन राशि में स्थित है, और 1:37 बजे रात्रि को चंद्रोदय तथा 1:58 बजे दोपहर में चंद्रास्त होगा। मीन राशि का चंद्रमा भावुकता और अध्यात्म का प्रतिनिधित्व करता है।

मास और संवत

आज विक्रम संवत 2082, शक संवत 1947 (विश्वावसु नाम संवत्सर) और कलियुग संवत 5127 चल रहा है।

पूर्णिमांत मासानुसार यह आषाढ़ माह और अमांत मासानुसार ज्येष्ठ मास है।

शुभ मुहूर्त

• अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00 से 12:56 बजे तक रहेगा। यह काल दिन का सबसे शुभ समय माना जाता है, किसी भी शुभ आरंभ या संकल्प के लिए अत्यंत उपयुक्त होता है।

अशुभ समय (दोष काल)


—राहुकाल – प्रातः 10:44 से 12:28 बजे तक

—यमगण्ड – दोपहर 3:55 से 5:39 बजे तक

—गुलिक काल – सुबह 7:16 से 9:00 बजे तक

—दुष्टमुहूर्त – सुबह 8:19 से 9:14 बजे तक

—कंटक काल – दोपहर 1:51 से 2:46 बजे तक

—यमघण्ट – शाम 5:32 से 6:28 बजे तक

—कालवेला – दोपहर 3:41 से 4:37 बजे तक

इन कालों में कोई नया कार्य आरंभ करने से बचना चाहिए।

दिशा शूल

आज पश्चिम दिशा में यात्रा करना अशुभ माना गया है। यदि यात्रा अनिवार्य हो तो दही खाकर निकलना शुभ रहता है।

चन्द्रबल और ताराबल


चन्द्रबल प्राप्त राशियाँ – वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, मीन।

ताराबल से लाभान्वित नक्षत्र – अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद और रेवती।

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