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21 जून 2025 का पंचांग: एकादशी, अश्विनी नक्षत्र और चंद्रमा मेष राशि में; जानिए शुभ मुहूर्त, राहुकाल और अन्य विवरण

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21 जून 2025 को शनिवार का दिन है, और यह ग्रीष्म ऋतु के मध्य में पड़ रहा है। यह दिन हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है, जो सुबह 7:21 बजे से आरंभ होती है। इससे पूर्व दशमी तिथि सुबह 7:21 बजे तक प्रभावी थी। इस दिन अश्विनी नक्षत्र रात्रि 7:51 बजे तक रहेगा, जो शुभ और आरंभ के कार्यों के लिए विशेष माना गया है।

योग, करण और चंद्रमा की स्थिति

इस दिन अतिगंड योग रात्रि 8:28 बजे तक रहेगा, जिसके बाद सुकर्मा योग प्रभावी होगा। अतिगंड को सामान्यतः शुभ कार्यों के लिए मध्यम माना गया है। करण में पहले विष्टि करण सुबह 7:21 बजे तक और फिर बव करण प्रभावी होता है। चंद्रमा इस दिन मेष राशि में भ्रमण कर रहा है, जो ऊर्जा और साहस का प्रतीक मानी जाती है।


सूर्योदय, सूर्यास्त व चंद्र गणनाएँ

जयपुर में इस दिन सूर्योदय प्रातः 5:33 बजे और सूर्यास्त सायं 7:23 बजे होगा। वहीं, चंद्रोदय अगले दिन 2:17 AM पर और चन्द्रास्त दोपहर 3:05 बजे है। चन्द्र राशि मेष होने के कारण यह दिन शारीरिक सक्रियता, आत्मविश्वास और लीडरशिप वाले निर्णयों के लिए उपयुक्त कहा जा सकता है।

हिन्दू मास और संवत्सर


यह दिन विक्रम संवत 2082, शक संवत 1947 (विश्वावसु) तथा कलियुग संवत 5127 के अंतर्गत आता है। माह की दृष्टि से अमांत पद्धति में ज्येष्ठ माह और पूर्णिमांत में आषाढ़ माह चल रहा है। यह समय धार्मिक दृष्टि से एकादशी व्रत, साधना और तप के लिए शुभ माना जाता है।

शुभ समय और अभिजीत मुहूर्त


इस दिन का विशेष अभिजीत मुहूर्त, जो किसी भी कार्य के आरंभ हेतु अत्यंत शुभ माना जाता है, दोपहर 12:00:47 से 12:56:08 बजे तक है। इस अवधि में विवाह, मुहूर्त, मंत्र-साधना, और महत्वपूर्ण निर्णय लेने जैसे कार्यों को अंजाम देना सर्वोत्तम होता है।

अशुभ समय व राहुकाल


शनिवार को निम्नलिखित अशुभ समयों से बचना चाहिए:

—राहुकाल: 09:00 AM – 10:44 AM

—यमगण्ड: 02:12 PM – 03:56 PM

—गुलिक काल: 05:33 AM – 07:17 AM

—दुष्टमुहूर्त: 05:33 AM – 06:28 AM

—कुलिक: 06:28 AM – 07:24 AM

—कंटक: 12:00 PM – 12:56 PM

—कालवेला/अर्धयाम: 01:51 PM – 02:46 PM

—यमघण्ट: 03:42 PM – 04:37 PM

इन समयों में महत्त्वपूर्ण कार्य, यात्रा, या लेनदेन से बचना चाहिए।

दिशा शूल एवं उसका उपाय

शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करना वर्जित माना गया है। यदि यात्रा अति आवश्यक हो, तो तिल अथवा अदरक खाकर यात्रा आरंभ करें, जिससे दिशा दोष का प्रभाव कम हो सकता है।

चंद्रबल और ताराबल

आज के दिन मेष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक और कुम्भ राशि वालों को चंद्रबल प्राप्त है, जिससे उनके लिए यह दिन मानसिक संतुलन, आत्मबल और कार्यों में सफलता देने वाला रहेगा।

ताराबल की दृष्टि से आज अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद और रेवती नक्षत्रों के जातकों के लिए दिन शुभ रहेगा।

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