प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन योजना (PM-USP): गरीबी अक्सर प्रतिभा को विकसित होने से पहले ही रोक देती है। इसी को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने मेधावी छात्रों की सहायता के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं। हाल ही में, प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे उच्च शिक्षा के दौरान अपने दैनिक खर्चों का प्रबंधन कर सकें और उनकी शैक्षणिक सफलता में सहारा मिल सके।
भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय, कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा के परिणामों के आधार पर छात्रवृत्तियां प्रदान करता है। हर वर्ष, स्नातक, स्नातकोत्तर और चिकित्सा एवं इंजीनियरिंग जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत छात्रों के लिए 82,000 नई छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।
छात्रवृत्ति की दर
- स्नातक स्तर पर पहले तीन वर्षों के लिए ₹12,000 प्रति वर्ष।
- स्नातकोत्तर स्तर पर ₹20,000 प्रति वर्ष।
- व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के चौथे और पांचवें वर्ष में ₹20,000 प्रति वर्ष, यदि पाठ्यक्रम की अवधि पांच वर्ष है।
- तकनीकी पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत छात्रों को स्नातक स्तर तक ही छात्रवृत्ति मिलेगी, अर्थात पहले तीन वर्षों के लिए ₹12,000 प्रति वर्ष और चौथे वर्ष में ₹20,000।
पात्रता
- आवेदक को 10+2 पैटर्न या समकक्ष कक्षा 12वीं में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने चाहिए।
- आवेदक को नियमित डिग्री पाठ्यक्रम में अध्ययनरत होना चाहिए।
- आवेदक को मान्यता प्राप्त कॉलेजों/संस्थानों में पाठ्यक्रम करना होगा।
- आवेदक की पारिवारिक आय ₹4,50,000 प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- छात्रवृत्ति के नवीनीकरण के लिए वार्षिक परीक्षा में कम से कम 50% अंक और 75% उपस्थिति बनाए रखना आवश्यक है।
- छात्रों के नाम पर आधार से जुड़े बैंक खाते खोलना अनिवार्य है।
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