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पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध पूरी तरह से द्विपक्षीय रहेंगे, जयशंकर ने अमेरिकी दखल की चर्चा के बीच कहा

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत का संबंध और व्यवहार पूरी तरह से द्विपक्षीय रहेगा और इस संबंध में कई वर्षों से राष्ट्रीय सहमति बनी हुई है और इसमें कतई कोई बदलाव नहीं होगा। जयशंकर ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में मीडिया से कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम हमले के दोषियों को जवाबदेह ठहराने की जरूरत पर बल दिया था और 7 मई की सुबह ‘‘हमने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए उन्हें जवाबदेह ठहराया।

कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए थे, जिसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। पाकिस्तान की कार्रवाई का भारतीय पक्ष द्वारा कड़ा जवाब दिया गया था।

दोनों पक्षों ने 10 मई को अपराह्न में सैन्य अभियान महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति की घोषणा की थी। लेकिन उससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच सीजफायर समझौता होने का ऐलान कर दिया था। साथ ही उन्होंने दोनों देशों के बीच समझौता कराने का दावा किया था। जिसके बाद मोदी सरकार पर सवाल उठने लगे थे। जयशंकर के ताजा बयान को अमेरिकी दखल का खंडन माना जा रहा है।

जयशंकर ने कहा, ‘‘मेरे लिए चीजें बिल्कुल स्पष्ट हैं। इसलिए, मैं इस मौके पर अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहता हूं। जहां तक पाकिस्तान का सवाल है, हमारे संबंध, उनके साथ पूरी तरह से द्विपक्षीय रहेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कई वर्षों से यह राष्ट्रीय सहमति है और इस सहमति में कोई बदलाव नहीं आया है कि पाकिस्तान के साथ संबंध द्विपक्षीय होंगे।’’

जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह बात बहुत स्पष्ट कर दी है कि पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत केवल आतंकवाद पर ही होगी। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के पास आतंकवादियों की एक सूची है, जिसे सौंपे जाने की जरूरत है। उन्हें आतंकवादी बुनियादी ढांचे को बंद करना होगा, वे जानते हैं कि क्या करना है।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘आतंकवाद पर क्या किया जाना है, हम इस संबंध में चर्चा करने के लिए तैयार हैं।’’

इसके अलावा कश्मीर मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर पर चर्चा के लिए केवल एक ही बात बची है, वह है पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली कराना। हम इस पर पाकिस्तान के साथ चर्चा करने के लिए तैयार हैं। इस पर सरकार की स्थिति बहुत स्पष्ट है।’’

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