करेले का नाम सुनते ही बहुत से लोग मुंह बना लेते हैं। इसका स्वाद कड़वा जरूर है, लेकिन इसके फायदे बेहद मीठे हैं — खासकर उन लोगों के लिए जो डायबिटीज से जूझ रहे हैं।
अगर आप डायबिटिक हैं या परिवार में किसी को यह बीमारी है, तो यह जानना जरूरी है कि करेला ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में कितना असरदार हो सकता है।
आइए, जानते हैं करेला डायबिटीज में कैसे काम करता है और इसे खाने का सही तरीका क्या है।
🧬 डायबिटीज में करेला क्यों है असरदार?
डायबिटीज टाइप-2 में इंसुलिन का प्रभाव शरीर में कम हो जाता है। करेला इस स्थिति में प्राकृतिक दवा की तरह काम कर सकता है।
करेले में मौजूद 3 खास बायोएक्टिव तत्व डायबिटीज के लिए बेहद फायदेमंद हैं:
✅ Polypeptide-p (पॉलीपेप्टाइड-पी):
यह शरीर में इंसुलिन जैसा ही काम करता है और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।
✅ Vicine (वाइसिन):
यह एक ऐसा यौगिक है जो शुगर मेटाबोलिज्म को बेहतर बनाता है और शरीर को इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है।
✅ Lectin (लेक्टिन):
यह मस्तिष्क में इंसुलिन जैसे सिग्नल देता है, जिससे भूख कम लगती है और ओवरईटिंग से बचाव होता है।
साथ ही करेले में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है, जो शुगर को धीरे-धीरे बढ़ने देते हैं और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं।
🥤 डायबिटीज में करेले को कैसे खाएं?
करेले के फ़ायदे तभी मिलेंगे जब आप इसे सही तरीके से खाएं:
⚠️ क्या न करें:
बहुत ज्यादा तेल में फ्राई न करें
बहुत ज्यादा देर तक न पकाएं, इससे इसके जरूरी तत्व खत्म हो सकते हैं
✅ क्या करें:
करेले को उबालकर या हल्के तेल में भाप में पकाकर खाएं
करेले का जूस पिएं — रोज़ाना खाली पेट 30ml जूस बहुत फायदेमंद हो सकता है
करेले का चोखा या हल्के मसाले वाला भुर्ता एक बढ़िया विकल्प है
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