आज की भागदौड़ भरी जिंदगी, तनाव, और अनिश्चितता ने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को बढ़ा दिया है। इन्हीं में से एक है पैनिक अटैक (Panic Attack) – एक ऐसा अनुभव जो अचानक आता है और व्यक्ति को डर, बेचैनी और घबराहट से भर देता है। कई बार लोग इसे दिल की बीमारी समझ बैठते हैं, लेकिन समय पर पहचान और सही उपाय इसे गंभीर स्थिति में बदलने से रोक सकते हैं।
क्या होता है पैनिक अटैक?
पैनिक अटैक एक अचानक और तीव्र डर या घबराहट का अनुभव होता है, जो कुछ मिनटों से लेकर आधे घंटे तक चल सकता है। इसमें व्यक्ति को लगता है कि उसे कुछ गंभीर होने वाला है – जैसे हार्ट अटैक या मृत्यु।
पैनिक अटैक के सामान्य लक्षण:
पैनिक अटैक के कारण:
- मानसिक तनाव या एंग्जायटी डिसऑर्डर
- अत्यधिक काम का दबाव
- नींद की कमी
- कैफीन, शराब या नशे का सेवन
- कोई भावनात्मक झटका या ट्रॉमा
- हार्मोनल बदलाव
बचाव और रोकथाम के उपाय:
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
यदि पैनिक अटैक बार-बार हो रहा है या जीवन की गुणवत्ता प्रभावित कर रहा है, तो तुरंत मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें। यह समस्या ट्रीटेबल है और सही देखभाल से पूरी तरह कंट्रोल में आ सकती है।
पैनिक अटैक को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। यह शरीर नहीं, बल्कि मन का संकट है, जिसे समय रहते पहचानकर और सही उपाय अपनाकर पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। जागरूक रहें, तनाव को पहचानें और मानसिक स्वास्थ्य को भी उतनी ही प्राथमिकता दें जितनी शारीरिक स्वास्थ्य को देते हैं।
You may also like
पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला से की बात, रणनीतिक साझेदारी पर हुई चर्चा
हिमाचल प्रदेश: सोलन में भारी बारिश से फसलों पर संकट, कृषि विभाग ने शुरू किया नुकसान का आकलन
भारत ने मॉरीशस को दी 10 इलेक्ट्रिक बसें, पीएम रामगुलाम बोले – स्वच्छ भविष्य की दिशा में बड़ा कदम
मुश्किल में पाकिस्तानी बल्लेबाज हैदर अली, इंग्लैंड में दर्ज हुआ आपराधिक मामला
NZ vs ZIM 2nd Test: हेनरी-फोल्क्स की घातक गेंदबाज़ी से ज़िम्बाब्वे 125 रन पर ढेर, न्यूज़ीलैंड ने पहले दिन ही ली 49 रन की बढ़त