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ट्रंप ऐसा कौन सा व्यापार करना चाहते हैं जिसके लिए उन्होंने शहबाज शरीफ की जगह असीम मुनीर को दावत दी?

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नई दिल्ली: असीम मुनीर को हाल में दावत देकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को उनकी हकीकत से रूबरू करा दिया है। ट्रंप ने दिखा दिया है कि पाकिस्तान में वास्तविक शक्ति का केंद्र कहां है और बड़ी बातचीत किससे करनी है। यह पाकिस्तान के मुंह पर सीधा तमाचा है। ट्रंप को सीधे और लेनदेन वाली बातचीत के तरीके के लिए जाना जाता है। वह पारंपरिक राजनयिक चैनलों या नागरिक सरकारों को दरकिनार करते हुए सीधे शक्ति के केंद्र से बात करना पसंद करते हैं, अगर उन्हें लगता है कि वे कम प्रभावी हैं। पाकिस्तान के मामले में भी यही बात है। ट्रंप अपने व्यक्तिगत संबंधों या अनुमानित प्रभाव का लाभ उठाकर ऐसे सौदे करना चाहते हैं जिससे उनके व्यावसायिक हितों को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा मिल सके। इसलिए उन्होंने शहबाज शरीफ की जगह पाकिस्तान सेना प्रमुख को दावत पर बुलाने में तवज्जो दी। डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी में दिलचस्पी दिखाने के अलावा इसमें निवेश किया है। यह उनके पिछले संशयवादी रुख से काफी अलग है। पाकिस्तान इसमें ट्रंप के लिए सीढ़ी बन सकता है। इसे समझते हैं कैसे।



पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर ने बुधवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात की थी। इसके बाद पाकिस्तान की सेना ने बताया कि ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ व्यापारिक साझेदारी बनाने में 'गहरी दिलचस्पी' दिखाई है। इस दौरान दोनों में आतंकवाद से निपटने के लिए मिलकर काम करने और व्यापार, आर्थिक विकास, खनन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ऊर्जा, क्रिप्टोकरेंसी और नई तकनीकों जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर बात हुई।



क्रि‍प्‍टो कारोबार में लगातार बढ़ रहे कदम

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेटे एरिक ट्रंप ने क्रिप्टो कंपनी हट8 के साथ मिलकर 'अमेरिकन बिटकॉइन' नाम से बिटकॉइन माइनिंग का कारोबार शुरू किया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एरिक ट्रंप ने कहा कि उनके पिता की नीतियां अमेरिकन बिटकॉइन को फायदा पहुंचाएंगी। इस कंपनी का टारगेट बिटकॉइन हासिल करना और वॉल स्ट्रीट पर शेयर बेचना है। यह कंपनी बिटकॉइन माइनिंग का काम करेगी। बिटकॉइन माइनिंग में बहुत शक्तिशाली मशीनों का इस्तेमाल होता है, जिनसे नए सिक्के बनाए जाते हैं।



ट्रंप परिवार के बिजनेस को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठ चुके हैं। लोगों का कहना है कि सरकार और बिजनेस के बीच हितों का टकराव हो सकता है। अब अमेरिकन बिटकॉइन के शुरू होने से ये चिंताएं और बढ़ गई हैं। कारण है कि इससे ट्रंप परिवार क्रिप्टो सेक्टर में और गहराई से जुड़ गया है।



राष्ट्रपति ट्रंप पहले से ही दो अन्य क्रिप्टो बिजनेस से जुड़े हुए हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने क्रिप्टो कंपनियों के खिलाफ सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (सीईसी) की कार्रवाई को रोक दिया था। उन्होंने क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए फायदेमंद कानून बनाने का भी वादा किया था।



ट्रंप ने अपने डिजिटल कलेक्टिबल्स यानी 'ट्रंप डिजिटल ट्रेडिंग कार्ड्स' (NFTs) लॉन्च किए हैं। इनसे उन्हें लाखों डॉलर का राजस्व मिला है। यह उनके क्रिप्टो स्पेस में शुरुआती और सफल प्रयासों में से एक रहा है।



पाकिस्तान की संभावित भूमिकायहां पाकिस्तान की सेना प्रमुख असीम मुनीर के साथ ट्रंप की बातचीत के संदर्भ में पाकिस्तान की संभावित भूमिका को समझना महत्वपूर्ण है। पाकिस्तान, खासकर उसकी सेना, अपने आर्थिक संकट से जूझ रही है। विदेशी निवेश और राजस्व के नए स्रोत तलाशने को मजबूर है।



बिटकॉइन माइनिंग एक ऊर्जा-गहन उद्योग है। पाकिस्तान अपनी बिजली उत्पादन क्षमता (खासकर जलविद्युत और अन्य नवीकरणीय स्रोतों) और संभावित रूप से कम ऊर्जा लागत वाले क्षेत्रों के साथ क्रिप्टो माइनिंग के लिए एक आकर्षक गंतव्य हो सकता है। अगर पाकिस्तान सरकार (जो अक्सर सेना के प्रभाव में होती है) क्रिप्टो माइनिंग के लिए अनुकूल नीतियां और सुरक्षित वातावरण प्रदान करती है तो यह ट्रंप या उनके सहयोगियों को निवेश करने के लिए आकर्षित कर सकता है।



ट्रंप क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देने वाली नीतियों के समर्थक हैं। अगर पाकिस्तान क्रिप्टो-अनुकूल नियमों को अपनाता है तो यह अमेरिकी क्रिप्टो व्यवसायों (जैसे ट्रंप के खुद के उद्यमों) के लिए एक प्रवेश द्वार बन सकता है। इससे पाकिस्तान में क्रिप्टो अपनाने और निवेश को बढ़ावा मिल सकता है।



पाकिस्तान को लगातार वित्तीय सहायता की आवश्यकता होती है। क्रिप्टो क्षेत्र में सहयोग, जैसे कि संयुक्त माइनिंग उद्यम या ब्लॉकचेन-आधारित परियोजनाओं में निवेश, पारंपरिक कर्जों और सहायता के अलावा राजस्व उत्पन्न करने का एक नया तरीका हो सकता है। यह पाकिस्तान को अमेरिकी समर्थन हासिल करने का एक नया तरीका भी प्रदान कर सकता है।



चीन का अपने क्रिप्टोकरेंसी नियमों पर सख्त रुख रहा है। उसने माइनिंग पर भी प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान को क्रिप्टो हब के रूप में विकसित करने में सहायता कर सकता है ताकि एशिया में एक वैकल्पिक तकनीकी और वित्तीय केंद्र बन सके। यह ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' और चीन-विरोधी नीतियों के अनुरूप भी होगा।

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