नई दिल्ली: पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच टेंशन बढ़ गई है। भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी तरह के व्यापारिक रिश्ते खत्म कर दिए हैं। दोनों देशों के बीच जंग की आशंका भी गहरा रही है। खास बात यह है कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होने पर अमेरिका को कई तरह से फायदा हो सकता है। वहीं, अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर में फंसे चीन को इससे दोतरफा मार झेलनी पड़ सकती है। कैसे? आइए, यहां इसे समझने की कोशिश करते हैं। युद्ध की स्थिति में भारत और पाकिस्तान अपने सैन्य बलों को मजबूत करने के लिए हथियारों की खरीद बढ़ा सकते हैं। अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े हथियार आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। इस लड़ाई से उसे दोनों देशों या उनमें से किसी एक को हथियार बेचकर फायदा हो सकता है। ज्यादा उम्मीद यही है कि भारत की तरफ ही उसका पलड़ा झुकेगा। अमेरिका को पता है कि पाकिस्तान के पास उसे देने के लिए कुछ नहीं है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर भी है। दोनों देश जल्द ही एक व्यापार समझौता कर सकते हैं। इन सब बातों को देखकर अमेरिका के रुख का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल नहीं है। अमेरिका को और भी कई फायदेअमेरिका इस संघर्ष में मध्यस्थता करने या किसी एक पक्ष का समर्थन करने की भूमिका निभा सकता है। इससे क्षेत्र में उसका राजनीतिक प्रभाव बढ़ सकता है। अतीत में भी अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में भूमिका निभाई है। पाकिस्तान के साथ युद्ध की नौबत पहलगात आतंकी हमले के बाद आई है। ऐसे में अमेरिका भारत के साथ आतंकवाद विरोधी प्रयासों में सहयोग बढ़ा सकता है। इससे दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत हो सकते हैं।कुछ विश्लेषकों का मानना है कि भारत के साथ मजबूत संबंध अमेरिका को चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने में मदद कर सकते हैं। अगर भारत पाकिस्तान के साथ संघर्ष में उलझा रहता है तो अमेरिका इस क्षेत्र में अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत कर सकता है। चीन का हर तरफ से मारभारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध चीन के लिए कई तरह से नकारात्मक हो सकता है। यह लड़ाई क्षेत्र में व्यापार और निवेश को बाधित कर सकती है। इसमें चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) से जुड़े प्रोजेक्ट भी शामिल हैं। पाकिस्तान चीन का महत्वपूर्ण सहयोगी है। वहां अस्थिरता चीन के आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचा सकती है।चीन के भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ अलग-अलग संबंध हैं। युद्ध की स्थिति में चीन के लिए किसी एक पक्ष का समर्थन करना या तटस्थ रहना मुश्किल हो सकता है। इससे दोनों देशों के साथ उसके संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं।भारत और पाकिस्तान के बीच जंग पूरे दक्षिण एशिया में अस्थिरता पैदा कर सकता है, जो चीन के क्षेत्रीय प्रभाव और सुरक्षा हितों के लिए हानिकारक हो सकता है।अगर चीन को इस संघर्ष में किसी भी तरह से एक पक्ष का समर्थन करते हुए देखा जाता है तो उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है। चीन पहले की एक महाशक्ति से ट्रेड वॉर में बुरी तरह से उलझा है। अब भारत जैसी विशाल अर्थव्यवस्था से खुली बैर लेने से जरूर बचेगा।
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