रांचीः झारखंड की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के आर्थिक विकास के लिए तत्पर है। इस वर्ष हमलोगों की अपेक्षा थी कि किसानों के लिए अच्छा साल रहेगा लेकिन भारी बारिश के कारण फसल को नुकसान हुआ है। सरकार नुकसान का आंकलन कर रही है और जल्द से जल्द किसानों तक मदद पहुंचाई जाएगी । वो मंगलवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित रबी फसल कर्मशाला के अवसर पर बोल रहीं थी। इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कृषि से संबंधित जानकारी के लिए रबी कर्मशाला पुस्तक का विमोचन किया।
किसानों के जीवन में बदलाव की दिशा में प्रयास करें
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कर्मशाला में उपस्थित सभी जिला कृषि पदाधिकारी और अन्य कृषि अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप किसानों के संपर्क में रहें। आप लोगों की सवेदनशीलता किसानों के साथ रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आप प्रखंड कृषि पदाधिकारी , अंचलाधिकारी, पंचायत सचिव से संपर्क कर आने वाले खरीफ कर्मशाला में अपने जिलों के ऐसे 200 किसानों की सूची बना कर लेकर आयें जिसके जीवन में आपने बदलाव लाया हो। उन्होंने कहा कि सरकार की सवेदनाएं किसानों के साथ है और राज्य सरकार की मंशा है कि वे राज्य के हर एक किसान तक अपनी पहुँच बनायें और इसमें आप सभी अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। आपके स्टेकहोल्डर किसान हैं । किस तरह आप उन्हें ज़्यादा से ज़्यादा लाभ पहुंचा रहे हैं इस पर आत्ममंथन करें । उन्हें समय पर बीज उपलब्ध करायें । महत्वपूर्ण तकनीकी जानकारियां दें ।
किसानों को केसीसी लोन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें
शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि राज्य सरकार का केसीसी लोन का लक्ष्य 25 लाख के विरुद्ध सिर्फ 5 लाख तक ही हो पाया है । इसे बढ़ाने का प्रयास करें , किसानों को आवश्यकता के अनुसार ऋण दें ताकि वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें।
कृषि का एक कैलेंडर तैयार कर टाइमलाइन अनुसार काम करें
कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि कर्मशाला का मुख्य उद्देश्य रबी फसल की खेती से जुड़ी अधिक से अधिक जानकारी उन तक पहुंचे ताकि उनकी पैदावार बढ़े और वे लाभान्वित हों ।रबी-खरीफ फसल का कैलेंडर पहले से तय हो। कृषि का एक कैलेंडर ऐक्टिव हो ताकि समय से किसानों को बीज डिस्ट्रिब्यूटीन आदि कार्य हों। किसान के खेती की तैयारी समय पर हो रही हैं या नहीं इसका टाइमलाइन तैयार होना चाहिए । ताकि सीजन मिस ना हो। जिला में अनकवर्ड एग्रीकल्चर एरिया की पहचान कर कैसे उसे खेती योग्य बनायें , जिला कृषि पदाधिकारी इस पर एफर्ट करें । जिला में एग्रीकल्चर का पोटेंशियल का पूरा उपयोग करना है । पदाधिकारी को जवाबदेह होना होगा कि जिलों में मौजूद संसाधन का उपयोग खेती में हो रहा है या नहीं । एक इंटीग्रेटेड एप्रोच बहुत जरूरी है । जहाँ किसान सभी संसाधन मौजूद रहने के बाद भी खेती नहीं करते है तो उन्हें जागरूक करना होगा । अच्छा रिजल्ट मतलब अच्छा उत्पादन और अच्छा उत्पादन मतलब अच्छी आय । सॉइल हेल्थ कार्ड की भी जानकारी किसानों को दें। जनसेवक की मदद लें किसानों की उत्पादकता बढ़ाने में । 15 नवंबर को राज्य सरकार स्थापना दिवस के दिन से ही आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चलेगा । इस दौरान काफ़ी भीड़ रहती है इसका लाभ लें किसानों को जागरूक करें और रबी फसल में बेस्ट से बेस्ट रिजल्ट दें ।
अधिक बारिश से फसलों को नुकसान
कुलपति बिरसा कृषि विश्वविद्यालय डॉ एससी दुबे ने कहा कि रबी फसल की खेती की जानकारी किसानों को देने में यह कर्मशाला बहुत उपयोगी साबित होगा । उन्होंने बताया कि कैसे अधिक बारिश होने के कारण किस प्रकार से फसलों को नुकसान हुआ है । धान जो ख़राब हो गया है उसे हटाएं और रबी की फसल को लायें और कैसे अधिक बारिश से जो नमी है वो रबी के लिए अच्छा है उसकी जानकारी दें । किसानों को क्वालिटी सीड दें और सीड ट्रीटमेंट की जानकारी अवश्य दें । मॉइस्चर को रबी की खेती में लाभ लें । रबी के फसल की खेती मॉइस्चर रहते करने की सलाह दें ।
निदेशक गव्य ज़ीशान क़मर ने कहा कि इस बार वर्षा अधिक होने के कारण फसल को नुक़सान हुआ है पर इससे जो नमी है वो रबी की फसल के लिए फायदेमंद है। किसानों को तकनीकी रूप से जो जानकारी उपलब्ध कराना है वो इस कार्यशाला के माध्यम से सहायक होगा। किसानों को उन्नत किस्म के बीज के बारे में जानकारी दें। आधुनिक तकनीकों से उन्हे अवगत करायें और बीज ट्रीटमेंट के बारे में उन्हें तकनीकी जानकारी दें । मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के बारे में जानकारी देने में इस तरह का कर्मशाला मिल का पत्थर साबित होगा । कीट प्रबंधन की जानकारी दें । किसानों की उत्पादकता को बढ़ाने में जिला कृषि पदाधिकारी सहायक होंगे।
किसानों के जीवन में बदलाव की दिशा में प्रयास करें
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कर्मशाला में उपस्थित सभी जिला कृषि पदाधिकारी और अन्य कृषि अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप किसानों के संपर्क में रहें। आप लोगों की सवेदनशीलता किसानों के साथ रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आप प्रखंड कृषि पदाधिकारी , अंचलाधिकारी, पंचायत सचिव से संपर्क कर आने वाले खरीफ कर्मशाला में अपने जिलों के ऐसे 200 किसानों की सूची बना कर लेकर आयें जिसके जीवन में आपने बदलाव लाया हो। उन्होंने कहा कि सरकार की सवेदनाएं किसानों के साथ है और राज्य सरकार की मंशा है कि वे राज्य के हर एक किसान तक अपनी पहुँच बनायें और इसमें आप सभी अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। आपके स्टेकहोल्डर किसान हैं । किस तरह आप उन्हें ज़्यादा से ज़्यादा लाभ पहुंचा रहे हैं इस पर आत्ममंथन करें । उन्हें समय पर बीज उपलब्ध करायें । महत्वपूर्ण तकनीकी जानकारियां दें ।
किसानों को केसीसी लोन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें
शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि राज्य सरकार का केसीसी लोन का लक्ष्य 25 लाख के विरुद्ध सिर्फ 5 लाख तक ही हो पाया है । इसे बढ़ाने का प्रयास करें , किसानों को आवश्यकता के अनुसार ऋण दें ताकि वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें।
कृषि का एक कैलेंडर तैयार कर टाइमलाइन अनुसार काम करें
कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि कर्मशाला का मुख्य उद्देश्य रबी फसल की खेती से जुड़ी अधिक से अधिक जानकारी उन तक पहुंचे ताकि उनकी पैदावार बढ़े और वे लाभान्वित हों ।रबी-खरीफ फसल का कैलेंडर पहले से तय हो। कृषि का एक कैलेंडर ऐक्टिव हो ताकि समय से किसानों को बीज डिस्ट्रिब्यूटीन आदि कार्य हों। किसान के खेती की तैयारी समय पर हो रही हैं या नहीं इसका टाइमलाइन तैयार होना चाहिए । ताकि सीजन मिस ना हो। जिला में अनकवर्ड एग्रीकल्चर एरिया की पहचान कर कैसे उसे खेती योग्य बनायें , जिला कृषि पदाधिकारी इस पर एफर्ट करें । जिला में एग्रीकल्चर का पोटेंशियल का पूरा उपयोग करना है । पदाधिकारी को जवाबदेह होना होगा कि जिलों में मौजूद संसाधन का उपयोग खेती में हो रहा है या नहीं । एक इंटीग्रेटेड एप्रोच बहुत जरूरी है । जहाँ किसान सभी संसाधन मौजूद रहने के बाद भी खेती नहीं करते है तो उन्हें जागरूक करना होगा । अच्छा रिजल्ट मतलब अच्छा उत्पादन और अच्छा उत्पादन मतलब अच्छी आय । सॉइल हेल्थ कार्ड की भी जानकारी किसानों को दें। जनसेवक की मदद लें किसानों की उत्पादकता बढ़ाने में । 15 नवंबर को राज्य सरकार स्थापना दिवस के दिन से ही आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चलेगा । इस दौरान काफ़ी भीड़ रहती है इसका लाभ लें किसानों को जागरूक करें और रबी फसल में बेस्ट से बेस्ट रिजल्ट दें ।
अधिक बारिश से फसलों को नुकसान
कुलपति बिरसा कृषि विश्वविद्यालय डॉ एससी दुबे ने कहा कि रबी फसल की खेती की जानकारी किसानों को देने में यह कर्मशाला बहुत उपयोगी साबित होगा । उन्होंने बताया कि कैसे अधिक बारिश होने के कारण किस प्रकार से फसलों को नुकसान हुआ है । धान जो ख़राब हो गया है उसे हटाएं और रबी की फसल को लायें और कैसे अधिक बारिश से जो नमी है वो रबी के लिए अच्छा है उसकी जानकारी दें । किसानों को क्वालिटी सीड दें और सीड ट्रीटमेंट की जानकारी अवश्य दें । मॉइस्चर को रबी की खेती में लाभ लें । रबी के फसल की खेती मॉइस्चर रहते करने की सलाह दें ।
निदेशक गव्य ज़ीशान क़मर ने कहा कि इस बार वर्षा अधिक होने के कारण फसल को नुक़सान हुआ है पर इससे जो नमी है वो रबी की फसल के लिए फायदेमंद है। किसानों को तकनीकी रूप से जो जानकारी उपलब्ध कराना है वो इस कार्यशाला के माध्यम से सहायक होगा। किसानों को उन्नत किस्म के बीज के बारे में जानकारी दें। आधुनिक तकनीकों से उन्हे अवगत करायें और बीज ट्रीटमेंट के बारे में उन्हें तकनीकी जानकारी दें । मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के बारे में जानकारी देने में इस तरह का कर्मशाला मिल का पत्थर साबित होगा । कीट प्रबंधन की जानकारी दें । किसानों की उत्पादकता को बढ़ाने में जिला कृषि पदाधिकारी सहायक होंगे।
You may also like

India China Yuan Trade: चीन को भारत का बड़ा बूस्टर... लेनदेन का महा-प्लान, 'हां' होते ही ताकत का गणित बदल जाएगा?

देवघर में नवविवाहित जोड़े के शव रहस्यमय परिस्थितियों में मिले, दोनों के बीच चल रहा था विवाद

दक्षिण अफ्रीका टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया घोषित, ऋषभ पंत की वापसी

देश भर में 100 5जी लैब मौजूद, 6जी टेक्नोलॉजी में मजबूत होगी भारत की लीडरशिप

South Africa के खिलाफ 2 टेस्ट के लिए BCCI ने नई भारतीय टीम का किया ऐलान, ऋषभ पंत उपकप्तान, प्रसिद्ध की जगह घातक गेंदबाज को मौका




